अजमेर:
अभी दो दिन ही हुए हैं कि जोधपुर में एक स्कूली बच्ची की टंकी में सफाई करते गिरने से मौत हो गई और अब अजमेर में एक सरकारी स्कूल के बच्चों को बर्तन धोने पड़ रहे हैं।
मामला अजमेर के एक प्राथमिक स्कूल का है जहां बच्चों को बर्तन तो धोने पड़ते ही हैं, साथ ही वे अध्यापकों के टिफिन भी धोते हैं।
बच्चों के मुताबिक, रोजाना साफ-सफाई और झाड़ू भी लगानी पड़ती है।
दूसरी ओर, प्रिंसिपल का कहना है कि पोषाहार के लिए बच्चों को खुद के बर्तन धोने होते हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है।
स्कूल में कोई भी चपरासी नहीं है, लिहाजा पहली क्लास के बच्चों को सारे काम करने होते हैं।
वहीं शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में जांच कराएंगे और उचित कार्रवाई करेंगे।
मामला अजमेर के एक प्राथमिक स्कूल का है जहां बच्चों को बर्तन तो धोने पड़ते ही हैं, साथ ही वे अध्यापकों के टिफिन भी धोते हैं।
बच्चों के मुताबिक, रोजाना साफ-सफाई और झाड़ू भी लगानी पड़ती है।
दूसरी ओर, प्रिंसिपल का कहना है कि पोषाहार के लिए बच्चों को खुद के बर्तन धोने होते हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है।
स्कूल में कोई भी चपरासी नहीं है, लिहाजा पहली क्लास के बच्चों को सारे काम करने होते हैं।
वहीं शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में जांच कराएंगे और उचित कार्रवाई करेंगे।
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