गृह मंत्रालय ने केरल में 30 किलोग्राम सोना तस्करी मामले की जांच NIA को सौंपी

केरल में सोने की तस्करी मामले की जांच NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) करेगी. गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट गोल्ड तस्करी मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है. 

गृह मंत्रालय ने केरल में 30 किलोग्राम सोना तस्करी मामले की जांच NIA को सौंपी

केरल में सोने की तस्करी मामले की जांच NIA करेगी.

नई दिल्ली:

केरल में 30 किलोग्राम सोने की तस्करी मामले की जांच NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) करेगी. गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट गोल्ड तस्करी मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है. अधिकारियों ने बताया कि जांच की इजाजत दे दी गई है क्योंकि, ‘इस घटना का राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘गृह मंत्रालय ने एनआईए को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डा से संबंधित सोना तस्करी मामले में जांच की अनुमति दे दी है क्योंकि संगठित तस्करी से राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता है.' मामले को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने सीपीएम के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय में शामिल होने का आरोप लगाया है.
 


गिरफ्तार व्यक्ति को सीमा शुल्क विभाग की हिरासत में भेजा गया
वहीं, 15 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की जब्ती के सिलसिले में गिरफ्तार एक व्यक्ति को अदालत ने गुरुवार को सीमा शुल्क विभाग की हिरासत में भेज दिया. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (आर्थिक अपराध) की अदालत ने केरल में एक देश के वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी सरित को 15 जुलाई तक सीमा शुल्क निरोधक आयुक्तालय की हिरासत में भेज दिया.
अदालत ने सीमा शुल्क विभाग की उस दलील को मंजूर कर लिया कि मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिये इस व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ किये जाने की जरूरत है.

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CM विजयन ने प्रधानमंत्री को लिखा था खत
बता दें कि बुधवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे 'एक प्रभावी जांच के लिए हस्तक्षेप' करने का अनुरोध किया था. हाल ही में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 30 किलोग्राम से अधिक सोने की बरामदगी को लेकर राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इस सोने को राजनयिक सामान में रखकर राज्य में तस्करी कर लाने का प्रयास किया जा रहा था. पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा गया था कि इस मामले के गंभीर प्रभाव थे, क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है.

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उन्होंने कहा कि राजनयिक सामानों में भारी मात्रा में छुपाकर सोने की तस्करी के प्रयास का तथ्य इस मामले को बेहद गंभीर बनाता है. यह ज्ञात हुआ है कि सीमा शुल्क अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की संबंधित केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने का अनुरोध भी किया और कहा कि राज्य जांच के लिए हर संभव सहायता करेगा.

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मुख्यमंत्री के इस्तीफे की उठी थी मांग
इस बीच, केंद्रीय राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने दिल्ली में कहा था कि जिस सामान में सोना छुपाया गया था वह 'राजनयिक सामान' नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र इस मामले की तत्परता से जांच करेगा और दोषियों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा. इससे पहले, केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने संवाददाताओं से कहा,‘मुख्यमंत्री का कार्यालय संदेह के घेरे में है. मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और जांच का सामना करना चाहिए. केरल डेमोक्रेटिक फ्रंट ने इस्तीफे की मांग की है और हम सभी ने कोविड-19 मानकों का पालन करते हुए राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है.'

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कांग्रेस और भाजपा द्वारा निशाना बनाए जाने पर मंगलवार को वाम सरकार ने मुख्यमंत्री के सचिव और आईटी प्रमुख सचिव एम शिवशंकर को पद से हटा दिया था. विपक्ष ने आईटी विभाग की एक महिला अधिकारी की नियुक्ति को लेकर उन पर निशाना साधा था. विपक्ष का आरोप था कि यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जब्त किया गया 30 किलोग्राम सोना 'राजनयिक सामान' के जरिये लाया गया था और इस संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की पूर्व कर्मचारी एक महिला की भूमिका की जांच की जानी चाहिए.

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(इनपुट: भाषा से भी)