केरल के इरनाकुलम जिले के एक परिवार ने एक स्थानीय मेडिकल कॉलेज के खिलाफ लापरवाही के आरोप लगाए हैं. परिवार का आरोप है कि जुलाई में उनका एक रिश्तेदार कोविड-19 पॉजिटिव था और उसका इलाज यहीं हुआ था, लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से उसे वक्त रहते वेंटिलेटर सपोर्ट पर नहीं रखा गया है, जिससे उसकी मौत हो गई. अभी कुछ दिनों पहले ही कोविड ड्यूटी पर तैनात संविदा पर काम करने वाले एक डॉक्टर ने यहां कथित मिसमैनेजमेंट और लापरवाही का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद इस मामले में एक पुलिस शिकायत दर्ज की गई है. अस्पताल ने इन आरोपों को खारिज किया था. राज्य के मानवाधिकार आयोग ने स्वास्थ्य सचिव को इन आरोपों की जांच करने को कहा है.
अपने शिकायत में परिवार ने बताया है कि उनके पास 24 जुलाई की दोपहर अस्पताल से कॉल आई थी कि शिकायतकर्ता के 59 साल के भाई को वेंटिलेटर सपोर्ट पर शिफ्ट किया जा रहा है. 2 बजे परिवार को बताया गया है कि वेंटिलेटर को तैयार किया जा रहा है और मरीज को जल्द ही शिफ्ट किया जाएगा. 5.15 को फिर कॉल आई और बताया गया कि मरीज की शिफ्ट होते वक्त मौत हो गई. अस्पताल ने इन आरोपों पर अभी तक कुछ नहीं कहा है.
पिछले हफ्ते भी एक परिवार ने इस अस्पताल पर जुलाई में लापरवाही से हुई एक मौत का आरोप लगाया था. इसके पहले एक नर्सिंग सुपरिटेंडेंट का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें कथित रूप से कुछ लापरवाहियों की बात की जा रही थी. हालांकि, मेडिकल कॉलेज के प्रशासन की प्राथमिक जांच में कहा गया है कि उस कोविड-19 मरीज को पहले ही कई को-मॉर्बिडिटी बीमारियां थीं और उनमें न्यूमोनिया का संक्रमण भी पैदा हो गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज की लापरवाही से मौत नहीं हुई है. अस्पताल ने जो मेडिकल प्रैक्टिशनर्स के आरोपों को भी खारिज कर दिया है.
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एक जूनियर डॉक्टर नज़मा ने NDTV से बताया कि उन्होंने लापरवाही की घटना की जानकारी अपने वरिष्ठों को दी थी. डॉक्टर नज़मा ने कहा, 'एक डॉक्टर ने मुझे बताया कि कैसे एक मरीज का नॉन-इनवेज़िव मास्क को वेंटिलेटर से जोड़ने वाला ट्यूब अपनी जगह से हटा हुआ था. मैंने ऐसी भी चीजें देखीं जहां पेशेंट को वेंटिलेटर से कनेक्ट किया गया था लेकिन स्विच ऑफ था. कुछ काम न करने वाले वेंटिलेटर्स को बदलने में देरी की घटनाएं भी हुई हैं. मैंने आधिकारिक तरीके से कोई शिकायत नहीं की. लेकिन मैंने मौखिक रूप से इन लापरवाहियों की बात की थी. इनको ठीक करने के उपाय भी किए गए थे.'
केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इरनाकुलम से लोकसभा सांसद हीबी एडेन ने बुधवार को इस मामले में एक्सपर्ट पैनल से जांच की मांग की और कहा कि मामले में आपराधिक केस दर्ज किया जाना चाहिए. मंगलवार को मेडिकल कॉलेज ने इन आरोपों को खारिज किया था.
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