नागरिकता कानून (CAA) को निरस्त करने को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने इस दिशा में एक और कदम बढ़ाया है. मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की रक्षा को लेकर शुक्रवार को 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा. ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल सहित 11 मुख्यमंत्रियों को लिखे एक पत्र में, विजयन ने कहा, 'हमारे समाज के एक बड़े वर्ग के बीच नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 को लेकर आशंकाएं पैदा हो गई हैं.' उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के हमारे मूल्यों की रक्षा और संरक्षण के इच्छकु सभी भारतीयों का एकजुट होना समय की मांग है.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा -किसी विधानसभा के पास नागरिकता कानून पर कोई शक्ति नहीं
केरल विधानसभा द्वारा इस कानून को निरस्त किए जाने को लेकर प्रस्ताव पास करने पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल ही में कहा था कि नागरिकता पर कानून पारित करने की शक्तियां सिर्फ संसद के पास हैं और केरल विधानसभा सहित किसी राज्य विधानसभा को यह अधिकार प्राप्त नहीं है.
केरल के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में सीएए विरोधी प्रस्ताव किया पेश
कानून मंत्री ने कहा, 'यह सिर्फ संसद है, जिसे नागरिकता पर कोई कानून पारित करने की शक्तियां प्राप्त हैं, केरल विधानसभा सहित किसी (अन्य) विधानसभा को नहीं.' उन्होंने कहा कि यह अधिनियम भारतीय नागरिकों से संबद्ध नहीं है और इस कारण यह नागरिकता ना तो सृजित करता है, ना ही छीनता है. उन्होंने यह याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने क्रमश: युगांडा के अल्पसंख्यकों और श्रीलंकाई तमिलों को नागरिकता मुहैया करायी थी.
बता दें कि नागरिकता संशोधित अधिनियम (सीएए) पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ना का सामना करने के कारण भारत आए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है.
VIDEO: पांच राज्यों के सीएम ने सीएए को बताया असंवैधानिक
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं