कठुआ रेप केस मामले में जिला और सत्र न्यायालय में अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी
जम्मू:
कठुआ रेप केस मामले की सुनवाई के दौरान जम्मू-कश्मीर जिला अदालत में सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया. सभी आरोपियों ने जिला और सत्र न्यायाधीश से नार्को टेस्ट कराने की मांगी की है.
वहीं इस मामले में गिरफ्तार नाबालिग ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष जमानत की अर्जी दी, जिस पर आज सुनवाई होगी. इस मामले में अदालत ने पुलिस की अपराध शाखा से आरोपियों को आरोप पत्र की प्रतियां उपलब्ध कराने को कहा और मामले में सुनवाई की अगली तारीख 28 अप्रैल तय की.
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आरोपियों के वकील अंकुर शर्मा ने कहा है कि सभी आरोपियों ने नार्को टेस्ट करवाने की मांग की है और इस मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी. इसस पहले एक आरोपी ने कोर्ट में पेशी से पहले मीडिया से कहा था कि आरोपियों का नार्को टेस्ट होना चाहिए.
जम्मू कश्मीर सरकार ने इस संवेदनशील मामले में सुनवाई के लिए दो विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की है और दोनों ही सिख हैं. इसे इस मामले में हिन्दू मुस्लिम ध्रुवीकरण को देखते हुए ‘ तटस्थता ’ सुनिश्चित करने का प्रयास माना जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा 13 अप्रैल को जम्मू बार एसोसिएशन तथा कठुआ बार एसोसिएशन को आड़े हाथ लिये जाने के बाद अब सुनवाई सुचारू ढंग से चलने की उम्मीद है्. शीर्ष अदालत ने इस मामले में कुछ वकीलों द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी.
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प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा , न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने जम्मू उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की भी आलोचना की थी जिसने प्रस्ताव पारित करके अदालती कार्यवाही में शामिल नहीं होने को कहा था. अपराध शाखा द्वारा दायर आरोपपत्रों के अनुसार , बकरवाल समुदाय की लड़की का अपहरण , बलात्कार और हत्या एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी ताकि इस अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को इलाके से हटाया जा सके. इसमें कठुआ के एक छोटे गांव के एक मंदिर के रखरखाव करने वाले को इस अपराध का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है.
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सांजी राम ने कथित रूप से विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और सुरेंद्र वर्मा, मित्र प्रवेश कुमार उर्फ मन्नु, राम के भतीजे एक नाबालिग और उसके बेटे विशाल उर्फ ‘शम्मा’ के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया. आरोपपत्र में जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल तिलक राज और उपनिरीक्षक आनंद दत्ता को भी नामजद किया गया है जिन्होंने राम से चार लाख रुपये कथित रूप से लेकर महत्वपूर्ण सबूत नष्ट किये. आठों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं.
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वहीं इस मामले में गिरफ्तार नाबालिग ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष जमानत की अर्जी दी, जिस पर आज सुनवाई होगी. इस मामले में अदालत ने पुलिस की अपराध शाखा से आरोपियों को आरोप पत्र की प्रतियां उपलब्ध कराने को कहा और मामले में सुनवाई की अगली तारीख 28 अप्रैल तय की.
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आरोपियों के वकील अंकुर शर्मा ने कहा है कि सभी आरोपियों ने नार्को टेस्ट करवाने की मांग की है और इस मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी. इसस पहले एक आरोपी ने कोर्ट में पेशी से पहले मीडिया से कहा था कि आरोपियों का नार्को टेस्ट होना चाहिए.
जम्मू कश्मीर सरकार ने इस संवेदनशील मामले में सुनवाई के लिए दो विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की है और दोनों ही सिख हैं. इसे इस मामले में हिन्दू मुस्लिम ध्रुवीकरण को देखते हुए ‘ तटस्थता ’ सुनिश्चित करने का प्रयास माना जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा 13 अप्रैल को जम्मू बार एसोसिएशन तथा कठुआ बार एसोसिएशन को आड़े हाथ लिये जाने के बाद अब सुनवाई सुचारू ढंग से चलने की उम्मीद है्. शीर्ष अदालत ने इस मामले में कुछ वकीलों द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी.
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