कर्नाटक से शुरू हिजाब विवाद (Hijab Row) धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया है. कर्नाटक के उडुपी की एक छात्रा और हिजाब बैन केस में शामिल याचिकाकर्ताओं में से एक हाजरा शिफा (Hazra Shifa) ने आरोप लगाया है कि उसके भाई पर दक्षिण-पंथी समर्थकों की भीड़ ने हमला किया है. उन्होंने इस हिंसा को हिजाब पहनना जारी रखने के अपने फैसले से जोड़ा है.
शिफा के भाई सैफ पर सोमवार रात करीब नौ बजे उडुपी जिले के एक बंदरगाह मालपे के बिस्मिल्लाह होटल में हमला किया गया.
My brother was brutally attacked by a mob. Just because I continue to stand for My #Hijab which is MY RIGHT. Our property were ruined as well. Why?? Can't I demand my right? Who will be their next victim? I demand action to be taken against the Sangh Parivar goons. @UdupiPolice
— Hazra Shifa (@hazra_shifa) February 21, 2022
हाजरा शिफा ने उडुपी पुलिस को टैग करते हुए एक ट्वीट में लिखा, "मेरे भाई पर भीड़ ने बेरहमी से हमला किया. सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं अपने हिजाब के लिए खड़ी हूं, जो कि मेरा अधिकार है. हमारी प्रॉपर्टी को भी नुकसान पहुंचाया गया. क्यों?? क्या मैं अपना हक नहीं मांग सकती? उनका अगला शिकार कौन होगा? मैं संघ परिवार के गुंडों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती हूं."
हिजाब एक आवश्यक धार्मिक परंपरा नहीं : कर्नाटक सरकार
कर्नाटक सरकार ने सोमवार को हाईकोर्ट से कहा कि हिजाब मामले में याचिकाकर्ता न सिर्फ इसे पहनने की अनुमति मांग रही हैं, बल्कि यह घोषणा भी चाहती हैं कि इसे पहनना इस्लाम को मानने वाले सभी लोगों पर धार्मिक रूप से बाध्यकारी है.
राज्य सरकार ने कहा कि हिजाब एक आवश्यक धार्मिक परंपरा नहीं है और धार्मिक निर्देशों को शैक्षणिक संस्थानों के बाहर रखना चाहिए.
कर्नाटक हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश
कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में अगले आदेश तक सभी छात्रों को कक्षा के भीतर भगवा शॉल, भगवा गमछा और हिजाब पहनने या किसी अन्य धार्मिक झंडे को रखने से रोक दिया है.
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