कर्नाटक के 'बागी' कांग्रेस विधायक उमेश जाधव ने सोमवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. कलबुर्गी जिले के चिंचोली विधानसभा क्षेत्र से दो बार से विधायक चुने जा रहे जाधव ने बिना कोई कारण बताए अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार को सौंप दिया.
पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया, "जाधव ने सुबह बेंगलुरु के पास कोलार में स्थित कुमार के आवास पर इस्तीफा सौंप दिया."
उमेश जाधव कांग्रेस के उन चार 'बागी' विधायकों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता सिद्धारमैया ने पिछले महीने कानूनी कार्रवाई की मांग की थी. इन चार विधायकों ने 18 जनवरी और आठ फरवरी को सीएलपी की बैठकों में भाग लेने और 6-15 फरवरी तक विधानसभा के 10 दिवसीय बजट सत्र में भाग लेने के लिए जारी पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था.
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हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 11 फरवरी को विधानसभा अध्यक्ष को दलबदल विरोधी कानून के तहत जाधव को तीन अन्य विद्रोहियों- रमेश जरकीहोली, बी नागेंद्र और महेश कुमटल्ली के साथ अयोग्य ठहराने के लिए पत्र लिखा था. लेकिन अध्यक्ष ने इस पर कार्रवाई नहीं की, क्योंकि इन विधायकों ने 13 फरवरी से लेकर 15 फरवरी तक बजट सत्र के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने तक इसमें भाग लिया था.
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जाधव के इस्तीफे के बाद कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने यहां मीडिया से कहा, "कांग्रेस ने जाधव के साथ वह सब किया, जो कर सकती थी. वह सत्ता के भूखे थे और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ असंतोष जताते रहे हैं. वह अवसरवादी हैं. हम उनसे निराश हैं."
Karnataka Pradesh Congress Committee (KPCC) president, Dinesh Gundu Rao: Dr. Umesh Jadhav's resignation was a forgone conclusion because he had already sold himself to BJP. He is leaving the Congress party for his selfish motives. He can be called a betrayer. #Bengaluru pic.twitter.com/6kf9Ad8vrU
— ANI (@ANI) March 4, 2019
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( इनपुट आईएएनएस से)
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