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This Article is From Mar 06, 2019

कर्नाटकः कांग्रेस के विधायक ने पहले इस्तीफे से दिया पार्टी को झटका, फिर पहुंचे पीएम मोदी के मंच पर

कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता से 4 मार्च को इस्तीफा देने वाले कांग्रेस एमएलए डॉ. उमेश जाधव ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच पर हाजिरी लगाई. पीएम मोदी की कलबुर्गी में आयोजित जनसभा में वह मौजूद रहे.

कर्नाटकः कांग्रेस के विधायक ने पहले इस्तीफे से दिया पार्टी को झटका, फिर पहुंचे पीएम मोदी के मंच पर
कर्नाटक के कलबुर्गी में पीएम मोदी की जनसभा के मंच पर दिखे कांग्रेस के पूर्व विधायक उमेश जाधव.
नई दिल्ली:

कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता से 4 मार्च को इस्तीफा देने वाले कांग्रेस एमएलए डॉ. उमेश जाधव ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच पर हाजिरी लगाई. पद से इस्तीफा देने के दो दिन बाद ही उनकी बीजेपी के कार्यक्रम में मौजूदगी चर्चा-ए-खास रही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार को कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में जनसभा रही. इस दौरान कर्नाटक के पूर्व कांग्रेस विधायक उमेश जाधव मंच पर नजर आए. उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा भी मौजूद रहे. उमेश जाधव पीले कपड़ों में मंच पर दिखे. पिछले कुछ समय से उमेश जाधव पार्टी में खुद को असहज पा रहे थे. जिसके बाद वह बागी तेवर अख्तियार किए हुए थे.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री बोले- कांग्रेस में दलितों को दबाने की कोशिश, इसलिए मैं और खड़गे नहीं बन पाए सीएम

 कांग्रेस में उठी थी कार्रवाई की मांग
कर्नाटक के 'बागी' कांग्रेस विधायक उमेश जाधव ने बीते सोमवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था. कलबुर्गी जिले के चिंचोली विधानसभा क्षेत्र से दो बार से विधायक चुने जा रहे जाधव ने बिना कोई कारण बताए अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार को सौंपा था.पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया, "जाधव ने सुबह ही बेंगलुरु के पास कोलार में स्थित कुमार के आवास पर इस्तीफा सौंप दिया."उमेश जाधव कांग्रेस के उन चार 'बागी' विधायकों में शामिल रहे, जिनके खिलाफ कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता सिद्धारमैया ने पिछले महीने कानूनी कार्रवाई की मांग की थी. इन चार विधायकों ने 18 जनवरी और आठ फरवरी को सीएलपी की बैठकों में भाग लेने और 6-15 फरवरी तक विधानसभा के 10 दिवसीय बजट सत्र में भाग लेने के लिए जारी पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था.

हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 11 फरवरी को विधानसभा अध्यक्ष को दलबदल विरोधी कानून के तहत जाधव को तीन अन्य बागियों रमेश जरकीहोली, बी नागेंद्र और महेश कुमटल्ली के साथ अयोग्य ठहराने के लिए पत्र लिखा था. लेकिन अध्यक्ष ने इस पर कार्रवाई नहीं की, क्योंकि इन विधायकों ने 13 फरवरी से लेकर 15 फरवरी तक बजट सत्र के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने तक इसमें भाग लिया था.जाधव के इस्तीफे के बाद कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने यहां मीडिया से कहा, "कांग्रेस ने जाधव के साथ वह सब किया, जो कर सकती थी. वह सत्ता के भूखे थे और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ असंतोष जताते रहे हैं. वह अवसरवादी हैं. हम उनसे निराश हैं."

वीडियो- कर्नाटक: विश्वास प्रस्ताव ला सकती है BJP 

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