प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
कर्नाटक में सत्ता हासिल करने की लड़ाई तेज़ हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया कि अब येदियुरप्पा को शनिवार शाम 4 बजे ही अपना बहुमत कर्नाटक विधानसभा में साबित करना होगा. पहले गवर्नर ने येदियुरप्पा को 15 दिन का समय दिया था.
पूरी रात सफर करके बेंगलुरू से हैदराबाद पहुंचे कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों को तब फ़ौरन उल्टे पांव लौटना पड़ा जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कर्नाटक में शनिवार को ही फ्लोर टेस्ट होगा. इसके पहले राज्यपाल ने येदियुरप्पा सरकार को 15 दिन का समय दे रखा था. बीजेपी ने सोमवार तक का समय मांगा लेकिन कोर्ट ने मांग खारिज कर दी.
अदालत ने कहा फ्लोर टेस्ट से पहले सभी विधायक शपथ लेंगे और डीजीपी सुरक्षा के पूरे प्रबंध करेंगे. कोर्ट ने गुप्त मतदान या वीडियोग्राफी की मांग नामंज़ूर कर दी.
यह भी पढ़ें : कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण कल शाम को 4 बजे हो : सुप्रीम कोर्ट
बुधवार को रात में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई साढ़े-तीन घंटे चली थी लेकिन शुक्रवार को ज़्यादा लंबी नहीं चली, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ये तय कर लिया था कि वह पहले शक्ति-परीक्षण कराएगी और बड़े संवैधानिक सवाल पर सुनवाई बाद में करेगी.
एनडीटीवी के पास येदियुरप्पा की तरफ से कर्नाटक के गवर्नर को लिखी गई चिट्ठी है जिसमें सबसे बड़ी पार्टी का लीडर चुने जाने का ज़िक्र तो है लेकिन ये नहीं बताया गया है कि येदियुरप्पा बहुमत के लिए ज़रूरी 112 विधायकों का समर्थन कैसे हासिल करेंगे. दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तय किया कि सबसे बड़ी पार्टी को बहुमत साबित करने का मौका मिले या पोस्ट-पोल गंठबंधन को? इस सवाल पर कोर्ट में सुनवाई दस हफ्ते बाद होगी.
VIDEO : गुप्त मतदान की नहीं इजाजत
कोर्ट ने आदेश दिया कि बहुमत साबित होने तक येदियुरप्पा कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते. फ़्लोर टेस्ट से पहले एंग्लो-इंडियन सदस्य को मनोनीत नहीं किया जा सकता है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए राज्यपाल ने बीजेपी विधायक केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर बना दिया है.
पूरी रात सफर करके बेंगलुरू से हैदराबाद पहुंचे कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों को तब फ़ौरन उल्टे पांव लौटना पड़ा जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कर्नाटक में शनिवार को ही फ्लोर टेस्ट होगा. इसके पहले राज्यपाल ने येदियुरप्पा सरकार को 15 दिन का समय दे रखा था. बीजेपी ने सोमवार तक का समय मांगा लेकिन कोर्ट ने मांग खारिज कर दी.
अदालत ने कहा फ्लोर टेस्ट से पहले सभी विधायक शपथ लेंगे और डीजीपी सुरक्षा के पूरे प्रबंध करेंगे. कोर्ट ने गुप्त मतदान या वीडियोग्राफी की मांग नामंज़ूर कर दी.
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बुधवार को रात में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई साढ़े-तीन घंटे चली थी लेकिन शुक्रवार को ज़्यादा लंबी नहीं चली, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ये तय कर लिया था कि वह पहले शक्ति-परीक्षण कराएगी और बड़े संवैधानिक सवाल पर सुनवाई बाद में करेगी.
एनडीटीवी के पास येदियुरप्पा की तरफ से कर्नाटक के गवर्नर को लिखी गई चिट्ठी है जिसमें सबसे बड़ी पार्टी का लीडर चुने जाने का ज़िक्र तो है लेकिन ये नहीं बताया गया है कि येदियुरप्पा बहुमत के लिए ज़रूरी 112 विधायकों का समर्थन कैसे हासिल करेंगे. दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तय किया कि सबसे बड़ी पार्टी को बहुमत साबित करने का मौका मिले या पोस्ट-पोल गंठबंधन को? इस सवाल पर कोर्ट में सुनवाई दस हफ्ते बाद होगी.
VIDEO : गुप्त मतदान की नहीं इजाजत
कोर्ट ने आदेश दिया कि बहुमत साबित होने तक येदियुरप्पा कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते. फ़्लोर टेस्ट से पहले एंग्लो-इंडियन सदस्य को मनोनीत नहीं किया जा सकता है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए राज्यपाल ने बीजेपी विधायक केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर बना दिया है.
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