मध्यप्रदेश के कांग्रेस के युवा और प्रभावी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia ) ने आखिरकार कांग्रेस (Congress) का दामन छोड़ दिया और बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए. बीजेपी ज्वाइन करने के बाद मीडिया से बात करते हुए ज्योतिरादित्य भावुक हो उठे. उन्होंने कहा कि ''जीवन में ऐसे मोड़ आते हैं जो जीवन को बदलकर रख देते हैं. मेरे जीवन में दो तारीखें बहुत महत्वपूर्ण रहीं. 30 सितंबर 2001 जब मैंने अपने पूज्य पिताजी माधवराव सिंधिया को खोया. दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 है, जो उनके जीवन की 75वीं वर्षगांठ थी.'' उन्होंने कहा कि ''मैंने सदैव माना है कि जिंदगी में हमारा लक्ष्य जनसेवा होना चाहिए और राजनीति इस लक्ष्य को पाने का माध्यम होना चाहिए. मेरे पूज्य पिता जी और मैंने इसको प्राण-प्रण से पूरा करने की कोशिश की. लेकिन मन व्यथित है. कांग्रेस पार्टी वह नहीं रही जो पहले थी.''
मध्यप्रदेश में करीब एक सप्ताह से जारी उथल-पुथल के बाद राजनीतिक भूचाल लाने वाला फैसला लेते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) आज बीजेपी में शामिल हो गए. वे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए. बीजेपी की विधिवत सदस्यता लेने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ''अब कांग्रेस वह पार्टी नहीं रही, जो पहले थी. इस माहौल में जहां राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी स्थिति हो गई है तो मेरे गृह राज्य में क्या हाल होगा. हमने एक सपना देखा था, जब 2018 में वहां कांग्रेस की सरकार बनी थी. लेकिन 18 महीने में वह सपने पूरी तरह से बिखर गया.''
ज्योतिरादित्य (Jyotiraditya) ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को धन्यवाद देते हुए कहा कि ''उन्होंने मुझे बीजेपी परिवार में आमंत्रित किया और स्थान दिया. कांग्रेस पार्टी वह नहीं रही जो पहले थी. कुछ पहलू हैं, वास्तविकता से दूर रहना, जड़ता से दूर रहना. मैं मानता हूं कि इस वातावरण में जहां मध्यप्रदेश में एक सपना हमने पिरोया था, जब हमारी सरकार बनी, लेकिन 18 माह में वह सपना बिखर गया. किसानों की कर्ज माफी 18 माह में भी नहीं हो पाई. ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को मुआवजा नहीं मिला. वचन पत्र में कहा था कि हर महीने मूल्यांकन होगा.''
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सिंधिया ने कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाया कि ''मध्यप्रदेश में ट्रांसफर उद्योग और रेत माफिया चल रहा है. राज्य में और राष्ट्र में अलग स्थितियां हैं.'' उन्होंने कहा कि ''सत्य के पथ पर चलने के कारण हमने निर्णय लिया कि सत्य के पक्ष पर चलने के लिए कुछ अलग निर्णय लेना होगा. नड्डा जी का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे यह मंच प्रदान किया.'' उन्होंने बीजेपी को लेकर कहा कि ''दो बार बंपर समर्थन, किसी अन्य पार्टी को ऐसा जनादेश नहीं मिला. योजनाओं के क्रियान्वयन की क्षमता और देश का नाम विश्व में फैलाया है. भारत का भविष्य पूर्णरूप से नरेंद्र मोदी के हाथों में सुरक्षित है.''
ज्योतिरादित्य ने कहा कि ''मैं नड्डा जी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री के दिखाए रास्ते पर चलकर जनसेवा और देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हूं.''
49 साल के ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले 18 साल से कांग्रेस में थे. वे लंबे समय से कांग्रेस में नाराज चल रहे थे. अटकले हैं कि बीजेपी सिंधिया को मध्यप्रदेश से राज्यसभा में भेजनवे साथ-साथ केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री पद भी दे सकती है. राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर ही इस सियासी घटनाक्रम को देखा जा रहा है. मंगलवार को सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
गौरतलब है कि सिंधिया के खेमे के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इससे कमलनाथ सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री कमलनाथ का दावा है कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है और उनके विधायकों को कैद कर लिया गया है.
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