दिल्‍ली गैंगरेप : नाबालिग दोषी की रिहाई का विरोध कर रहे निर्भया के माता-पिता को पुलिस ने हटाया

दिल्‍ली गैंगरेप : नाबालिग दोषी की रिहाई का विरोध कर रहे निर्भया के माता-पिता को पुलिस ने हटाया

नाबालिग दोषी की रिहाई का विरोध करते निर्भया के परिजन

नई दिल्ली:

2012 में हुए दिल्‍ली गैंगरेप की पीड़ित 23 वर्षीय निर्भया के माता-पिता को शनिवार को पुलिस ने सुधार गृह के बाहर प्रदर्शन करते समय वहां से हटा दिया। निर्भया के माता-पिता नाबालिग दोषी की रिहाई के विरोध में सुधार गृह के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे।

गौरतलब है कि दिल्ली गैंगरेप के मामले में नाबालिग दोषी को रविवार को होने वाली रिहाई से पहले रिमांड होम से बाहर किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है।

सूत्रों ने बताया कि ऐसा 'सुरक्षा कारणों' के चलते किया गया है। गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 18 दिसंबर को उसकी रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। उसे सुधारगृह में 3 साल रखने की सजा पूरी हो गई है। केंद्र सरकार ने नाबालिग दोषी की रिहाई का विरोध किया था और कहा था कि पहले वह खुद सुधरने का भरोसा दिलाए।

अब बालिग हो चुका है दोषी
नाबालिग दोषी अब 20 साल का हो चुका है और जिस समय उसने अपराध किया वह 18 साल से कम उम्र का था। इस मामले में दिल्ली सरकार ने कहा था कि दोषी को कई बार मानसिक परीक्षण से गुजारा गया है और सरकार उसके पुनर्वास के लिए 10 हजार रुपये और सिलाई मशीन देने को तैयार है। इस बीच आई आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक, उसे हाईकोर्ट ब्लास्ट के एक दोषी ने जिहाद के लिए तैयार किया। इस मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट मे याचिका दाखिल कर उसकी रिहाई पर रोक लगाने और मानसिक परीक्षण कराने की मांग थी। स्वामी ने कहा कि वह साबित करें कि वह सुधर चुका है और समाज के लिए खतरा नहीं है।

केंद्र ने भी की थी अपील
केंद्र ने नाबालिग दोषी को बाल सुधार गृह में रखे जाने की अवधि बढ़ाए जाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से अपील की थी। केंद्र ने कहा था कि नाबालिग दोषी की रिहाई के बाद उसके पुनर्वास की योजना में कई आवश्यक बातें नदारद हैं, जिन पर उसकी रिहाई से पूर्व विचार किए जाने की आवश्यकता है।

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पीड़िता की मां ने कहा था- न हो रिहाई
वहीं पीड़िता की मां ने 16 दिसंबर को अपनी बेटी को साहसिक श्रद्धांजलि देते हुए बेटी का नाम सार्वजनिक रूप से लिया और कहा कि बलात्कार जैसे घिनौने अपराध करने वाले लोगों को अपने सिर शर्म से झुकाने चाहिए, न कि पीड़ितों या उनके परिवारों को। लड़की की मां आशा के साथ पिता बद्री सिंह पांडेय ने घटना को अंजाम देने वाले छह अपराधियों में से कथित रूप से सबसे नृशंस तरीके से अपराध को अंजाम देने वाले किशोर दोषी को रिहा नहीं किए जाने की मांग की थी और कहा था कि वह शहर के लिए खतरा है।