सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को कहा कि संकटग्रस्त आम्रपाली (Amrapali) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और एफडीआई मानदंडों का उल्लंघन करते हुए बहुराष्ट्रीय कंपनी जेपी मॉर्गन से 85 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त किया. शीर्ष अदालत ने धन शोधन और फेमा उल्लंघन के प्रथम दृष्टया आरोप की जांच करने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने कहा कि फॉरेंसिक ऑडिटर्स की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों और बैंकों के अधिकारियों के साथ सक्रिय मिलीभगत से खरीदारों के साथ गंभीर धोखा किया गया.
पीठ ने कहा, 'घर खरीदारों का धन डाइवर्ट कर दिया गया है. निदेशकों ने फर्जी कंपनियां बनाकर, प्रोफेशनल फीस वसूल करके, फर्जी बिल बनाकर, कम कीमत दिखाकर फ्लैट बेचकर, अत्यधिक ब्रोकरेज का भुगतान आदि करके धन डाइवर्ट किया है. उन्होंने फेमा और एफडीआई मानदंडों का उल्लंघन करके जेपी मॉर्गन से निवेश प्राप्त किया है.'
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इसमें कहा गया है कि जेपी मॉर्गन की आवश्यकताओं के अनुरूप समूह के इक्विटी शेयर अत्यधिक कीमत पर खरीदे गए और आम्रपाली जोडियक डेवलपर्स डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने घर खरीदारों का धन डाइवर्ट किया है. (इनपुट:भाषा)