दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में बीते रविवार को दो गुटों के बीच में मारपीट हुई है, जिसके कई छात्र घायल हुए हैं. इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं. एक पक्ष का आरोप है कि कावेरी हॉस्टल में नॉनवेज खाना परोसे जाने से रोकने को लेकर हिंसा हुई है, वहीं, दूसरे पक्ष का आरोप है कि सामने वाले पक्ष ने रामनवमी की पूजा रोकने की कोशिश की थी. लेफ्ट विंग के छात्रों ने आरोप लगाया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने हॉस्टल में आकर मेस स्टाफ को नॉनवेज परोसने से रोका था और वहां मौजूद छात्रों पर हमला किया था. वहीं, एबीवीपी के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि लेफ्ट विंग के छात्रों ने रामनवमी के अवसर पर हो रही पूजा को रोकने की कोशिश की थी.
एबीवीपी और लेफ्ट विंग के छात्रों के बीच जो मारपीट हुई, उसमें एक छात्रा की तस्वीरें सबसे ज्यादा वायरल हुईं, जिनके सिर पर चोट दिख रही है और पूरा चेहरा लहूलुहान है, वो छात्रा हैं अख्तर इशता अंसारी, जो जेनएयू में एमए सोशियोलॉजी की छात्रा हैं.
NDTV से बातचीत में उन्होंने कहा कि 'पूरा विवाद खाने को लेकर है. हमें बुरी तरह मारा गया. मुझे एबीवीपी के लोगों ने ईंट फ़ेंककर मारा. मेरे सिर में चोट आई. मेरे साथी मुझे वहां से एम्स ले गए मैं रातभर वहां भर्ती रही. सुबह आई हूं.'
छात्रा ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि शाम 4 बजे के आसपास कावेरी हॉस्टल में एबीवीपी के सदस्य आए और मेस स्टाफ को नॉनवेज परोसने से रोका. वहां कुछ छात्र इकट्ठा हो गए थे, सदस्यों ने उनपर हमला कर दिया. फिर रात 8 बजे के करीब प्रदर्शन हो रहा था, तभी वहां, भी झड़प शुरू हो गई. अख्तरइशता ने बताया कि यहीं उन्हें सिर पर पत्थर से चोट लगी.
अख्तर इशिता जामिया इससे पहले जामिया में पढ़ी हैं. वो झारखण्ड की रहने वाली हैं.
एबीवीपी का आरोप
उधर एबीवीपी ने सोमवार सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि 'हमने एक पूजा का आयोजन किया था. JNUSU के 150-200 गुंडे लाठियों के साथ घुस आए. उन्होंने हमारे रामनवमी के झंडे को फाड़ दिया. हमारे छात्र घायल हो गए हैं. हम देर रात तक अस्पताल में रहे. कल रात हम बहुत डरे हुए थे. वे लाठियों के साथ खड़े थे. नॉनवेज को लेकर कोई विरोध नहीं था. ये हिन्दू त्योहारों को बर्दाश्त नहीं कर सकते.'
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