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This Article is From Dec 15, 2016

क्या BCCI अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के खिलाफ कोर्ट में झूठे साक्ष्य देने का मामला बनता है? SC ने पूछा

क्या BCCI अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के खिलाफ कोर्ट में झूठे साक्ष्य देने का मामला बनता है? SC ने पूछा
बीसीसीआई अध्‍यक्ष अनुराग ठाकुर (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट में बीसीसीआई के सुधार के मसले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आज सख्‍त रुख अपनाते हुए पूछा कि क्‍या BCCI अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के खिलाफ परजूरी यानी कोर्ट में झूठे साक्ष्य देने का मामला बनता है या नहीं? इस पर एमिक्स क्यूरी (न्‍याय मित्र) गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि ठाकुर के खिलाफ परजूरी का मामला बनता है.  

दरअसल मामला कुछ यूं है कि जब शशांक मनोहर बीसीसीआई के अध्‍यक्ष थे तब उन्‍होंने कहा था कि बीसीसीआई में सीएजी का नामांकित अफसर सरकार का दखल माना जाएगा और इसके चलते बीसीसीआई, आईसीसी की सदस्‍यता को खो देगी. बाद में जब मनोहर आईसीसी के चेयरमैन बने तो इस संबंध में अनुराग ठाकुर ने उनसे एक पत्र लिखकर स्थिति स्‍पष्‍ट करने को कहा था लेकिन मामला कोर्ट में विचाराधीन होने की बात कहते हुए मनोहर ने ऐसा करने से मना कर दिया.  

इस पर अनुराग ने कोर्ट में आकर कहा कि उन्‍होंने इस आशय की चिट्ठी मांगी ही नहीं. ऐसे में आज गोपाल ने कहा कि ये दोनों बातें अलग-अलग हैं लिहाजा ठाकुर पर परजूरी का मामला बनता है.

इस पर मुख्‍य न्‍यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि ऐसा लगता है कि अनुराग ठाकुर ने कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की. गौरतलब है कि अगर परजूरी का मामला साबित हुआ तो अनुराग ठाकुर जेल जा सकते हैं. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने BCCI में प्रशासक की नियुक्ति को लेकर और अनुराग ठाकुर पर परजूरी के मामले पर आदेश सुरक्षित रखा.
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