मुंबई:
शो-मैन कहे जाने वाले फिल्मकार सुभाष घई का मानना है कि 'असहिष्णुता' पर चल रही बहस सामाजिक से ज्यादा राजनीतिक प्रकृति की है। घई ने ट्वीट कर कहा कि सबसे गरीब सहित देश के लोग सहनशील रहे हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, 'बाबुजी कहते हैं - असहनशीलता ऐसे असहनशील लोगों से आती है जो बदलावों की वजह से शक्ति, भ्रष्टाचार, तरक्कियों, सुविधाओं वगैरह से वंचित हो जाते हैं। यदि 70 सालों से गरीबी में रह रहे 100 करोड़ लोगों ने अपने गुण और मजबूती के रूप में सहनशीलता सीख ली है तो 12,000 असहनशील विभूतियों पर बहस क्यों की जाए।'
घई ने कहा, 'आखिरकार आज हम देख सकते हैं कि असहनशीलता एक ऐसी जगह सामाजिक से कहीं ज्यादा एक राजनीतिक मुद्दा है, जहां सबसे गरीब आदमी सहित 124 करोड़ लोग सहनशील रहे हैं।' इससे पहले, शाहरुख खान, आमिर खान, अनुपम खेर और राम गोपाल वर्मा जैसी बॉलीवुड शख्सियतें असहनशीलता के पक्ष में या विरोध में बयान दे चुके हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, 'बाबुजी कहते हैं - असहनशीलता ऐसे असहनशील लोगों से आती है जो बदलावों की वजह से शक्ति, भ्रष्टाचार, तरक्कियों, सुविधाओं वगैरह से वंचित हो जाते हैं। यदि 70 सालों से गरीबी में रह रहे 100 करोड़ लोगों ने अपने गुण और मजबूती के रूप में सहनशीलता सीख ली है तो 12,000 असहनशील विभूतियों पर बहस क्यों की जाए।'
घई ने कहा, 'आखिरकार आज हम देख सकते हैं कि असहनशीलता एक ऐसी जगह सामाजिक से कहीं ज्यादा एक राजनीतिक मुद्दा है, जहां सबसे गरीब आदमी सहित 124 करोड़ लोग सहनशील रहे हैं।' इससे पहले, शाहरुख खान, आमिर खान, अनुपम खेर और राम गोपाल वर्मा जैसी बॉलीवुड शख्सियतें असहनशीलता के पक्ष में या विरोध में बयान दे चुके हैं।
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