प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
भर्ती प्रक्रिया के लिए भारतीय रेलवे द्वारा अपनी भारी-भरकम, बहुभाषी प्रश्न पुस्तिकाओं की जगह ऑनलाइन परीक्षा शुरू करने का परिणाम एक हरित पहल के रूप में सामने आया है क्योंकि इसके चलते 319 करोड़ पन्ने और चार लाख पेड़ बचाए जा सके हैं. तीन चरण की ऑनलाइन परीक्षा में प्रारंभिक, लिखित और एप्टिट्यूट तथा टाइपिंग कौशल शामिल है और रेलवे द्वारा इस तरह की परीक्षा पहली बार आयोजित की गई है.
भर्ती प्रक्रिया में छेड़छाड़ या दखल की आशंका को पूरी तरह खत्म करने के इरादे के साथ रेलवे ने अपने महत्वकांक्षी भर्ती सुधारों के हिस्से के तौर पर विभिन्न श्रेणियों में 14,000 रिक्तियों को भरने के लिए 92 लाख उम्मीदवारों की 351 केंद्रों पर दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन परीक्षा सम्पन्न करवाई. 92 लाख उम्मीदवारों में से 2.73 लाख ने प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली जिसके बाद उन्हें सहायक स्टेशन मास्टर और लिपिक श्रेणी के लिए ऑनलाइन लिखित परीक्षा के लिए बुलाया गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भर्ती प्रक्रिया में छेड़छाड़ या दखल की आशंका को पूरी तरह खत्म करने के इरादे के साथ रेलवे ने अपने महत्वकांक्षी भर्ती सुधारों के हिस्से के तौर पर विभिन्न श्रेणियों में 14,000 रिक्तियों को भरने के लिए 92 लाख उम्मीदवारों की 351 केंद्रों पर दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन परीक्षा सम्पन्न करवाई. 92 लाख उम्मीदवारों में से 2.73 लाख ने प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली जिसके बाद उन्हें सहायक स्टेशन मास्टर और लिपिक श्रेणी के लिए ऑनलाइन लिखित परीक्षा के लिए बुलाया गया.
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