भारत ने मंगलवार को नौशेरा में एलओसी के पार सैन्य कार्रवाई का वीडियो जारी किया.
नौशेरा में नियंत्रण रेखा (LoC) पार भारतीय सैन्य कार्रवाई का वीडियो सामने आने के बाद महज 24 घंटे के भीतर ही पाक एयर चीफ सोहेल अमान ने सियाचिन के निकट फाइटर प्लेन उड़ाकर एक तरह से अपने सैनिकों का मनोबल बढ़ाया है. दरअसल जानकार पाकिस्तान के इस कदम को पाक अवाम के समक्ष शक्ति प्रदर्शन और बढ़ते दबाव से उबरने की रणनीति के तहत देख रहे हैं. दरअसल इससे पहले पिछले साल सितंबर में उड़ी आतंकी हमले का जवाब भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में दिया था. उस वक्त तो पाकिस्तान ने इस तरह की कार्रवाई को मानने से ही इनकार कर दिया था. लेकिन मंगलवार को भारतीय सैन्य कार्रवाई का वीडियो सार्वजनिक होने के बाद पाकिस्तान पर दबाव काफी बढ़ गया है. अपनी जनता को संदेश देने के लिए कि पाकिस्तान भी बदले की कार्रवाई कर रहा है, इस तरह सियाचिन के निकट पाकिस्तान के फाइटर प्लेन को उड़ाया गया है.
वैसे आमतौर पर यह चलन रहा है कि एलओसी इलाके में 10 किमी के दायरे में यदि कोई फाइटर प्लेन उड़ता है तो दूसरे देश की वायुसेना को बताया जाता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया. इस संबंध में NDTV इंडिया से बात करते हुए पूर्व उप वायुसेना प्रमुख पीके बारबोरा ने कहा कि यह केवल पाकिस्तान का अपनी सीमा के भीतर शक्ति प्रदर्शन है. वह केवल अपनी पाक अवाम को यह संदेश देना चाहते हैं कि वह भी कुछ करने में सक्षम है. लेकिन साथ ही बारबोरा ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की तुलना में भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना ज्यादा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना को स्पष्ट निर्देश भी है कि यदि कोई इस तरह का विमान भारतीय एयरस्पेस में दाखिल होता है तो उसको मार गिराया जा सकता है. उन्होंने इस मामले में कच्छ में पाकिस्तानी विमान अटलांटिक को मार गिराए जाने की घटना का जिक्र भी किया.
अटलांटिक हादसा
1999 में कारगिल युद्ध के एक महीने बाद ही कच्छ क्षेत्र में भारतीय एयरस्पेस में दाखिल होने पर पाकिस्तानी नेवी के अटलांटिक प्लेन को मार गिराया था. इस संबंध में पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट(ICJ) में भी भारत को घसीटा था लेकिन कोर्ट ने भारत के पक्ष में फैसला दिया था.
वैसे आमतौर पर यह चलन रहा है कि एलओसी इलाके में 10 किमी के दायरे में यदि कोई फाइटर प्लेन उड़ता है तो दूसरे देश की वायुसेना को बताया जाता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया. इस संबंध में NDTV इंडिया से बात करते हुए पूर्व उप वायुसेना प्रमुख पीके बारबोरा ने कहा कि यह केवल पाकिस्तान का अपनी सीमा के भीतर शक्ति प्रदर्शन है. वह केवल अपनी पाक अवाम को यह संदेश देना चाहते हैं कि वह भी कुछ करने में सक्षम है. लेकिन साथ ही बारबोरा ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की तुलना में भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना ज्यादा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना को स्पष्ट निर्देश भी है कि यदि कोई इस तरह का विमान भारतीय एयरस्पेस में दाखिल होता है तो उसको मार गिराया जा सकता है. उन्होंने इस मामले में कच्छ में पाकिस्तानी विमान अटलांटिक को मार गिराए जाने की घटना का जिक्र भी किया.
अटलांटिक हादसा
1999 में कारगिल युद्ध के एक महीने बाद ही कच्छ क्षेत्र में भारतीय एयरस्पेस में दाखिल होने पर पाकिस्तानी नेवी के अटलांटिक प्लेन को मार गिराया था. इस संबंध में पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट(ICJ) में भी भारत को घसीटा था लेकिन कोर्ट ने भारत के पक्ष में फैसला दिया था.
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