विज्ञापन
This Article is From Jan 28, 2021

विश्व आर्थिक मंच के दावोस संवाद में बोले पीएम मोदी : कोरोना के खिलाफ लड़ाई को हमने जन आंदोलन में बदल दिया

World Economic Forum PM Modi :भारत ने कोविड उपकरणों, टेस्टिंग व टेक्नोलॉजी पर जोर देने के साथ स्वास्थ्यकर्मियों के साथ जंग को आगे बढ़ाया. लड़ाई को जनांदोलन में बदल दिया. भारत उन देशों में है, जो ज्यादा से ज्यादा कोरोना मरीजों को बचाने में सफल रहा.

Modi at World Economic Forum : प्रधानमंत्री ने चौथी औद्योगिक क्रांति पर अपनी बात रखी

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi) ने गुरुवार को दावोस में विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) के सम्मेलन को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया. पीएम मोदी ने यहां चौथी औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution 4.0) पर अपने विचार रखे.  पीएम ने कहा कि भारत ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जनांदोलन में बदलकर इस पर काबू पाया. कोरोना से उबरने की मुहिम में भी भारत का आत्मनिर्भर अभियान वैश्विक उत्पादों व सेवाओं की आपूर्ति की बुनियाद बनेगा. 

कोरोना के सभी अंदेशों को गलत साबित किया
प्रधानमंत्री (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा, आज सबसे बड़ी चिंता है कि दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं कैसे आगे बढ़ेंगी तो सबकी नजरें इस फोरम पर रहना स्वाभाविक हैं. जब कोरोना आया तो मुश्किलें भारत के सामने भी कम नहीं थीं. फरवरी से अप्रैल तक नामी विशेषज्ञों ने कहा था कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश भारत होगा. भारत में कोरोना संक्रमण की सुनामी होगी. 7-8 करोड़ भारतीयों को कोरोना होने की बात कही और 20 लाख से ज्यादा मौतों का अंदेशा जताया गया था. भारत जैसे विकासशील देश के लिए दुनिया की चिंता स्वाभाविक थी, तब हमारी क्या मनोदशा रही होगी. लेकिन भारत ने निराशा को हावी नहीं होने दिया. भारत सक्रियता के साथ जन सह भागीदारी के साथ आगे बढ़ाता रहा.

निर्भरता से निर्यात की स्थिति में पहुंचा भारत
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने कोविड से संबंधित उपकरणों, टेस्टिंग और टेक्नोलॉजी के साथ डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मुहिम को आगे बढ़ाया. देश ने इस लड़ाई को जनांदोलन में बदल दिया. भारत उन देशों में है, जो अपने ज्यादा से ज्यादा कोरोना के मरीजों की जान बचाने में सफल रहा. भारत की सफलता को किसी एक देश की सफलता से आंकना मुमकिन नहीं होगा. 18 फीसदी वैश्विक आबादी वाले भारत ने पूरी दुनिया को बड़ी मानवीय त्रासदी से बचाया. तब हमारे पास पीपीई किट, मास्क, वेंटीलेटर समेत सभी चीजें बाहर से मंगाते थे, लेकिन आज हम इसका दूसरे देशों को निर्यात कर रहे हैं.

सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम का किया शंखनाद
भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर चुके हैं. भारत ने 12 दिन में 23 लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को टीका दे दिया है. अगले चरणों में बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर देगा. भारत ने वैश्विक जिम्मेदारी को शुरू से निभाया है. एक लाख से ज्यादा नागरिकों को उनके देश पहुंचाया. 150 से ज्यादा देशों को दवाइंयां पहुंचाईं. अनेक देशों के स्वास्थ्यकर्मियों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी. दुनिया को आयुर्वेद का महत्व भी बताया. आज कोविड वैक्सीन को भी भारत पड़ोसी देशों को भेज रहा है. 

वैश्विक औद्योगिक क्रांति को रफ्तार देगा भारत
मोदी ने कहा, अभी दो मेड इन इंडिया दुनिया में आई हैं. आने वाले वक्त में कई और कोरोना वैक्सीन भारत से आने वाली हैं. इससे ज्यादा गति से कोरोना पर काबू पाया जा सकेगा. आर्थिक मोर्चे पर स्थितियां तेजी से बदलेंगी. कोरोना के समय में भी भारत ने बुनियादी ढांचे के लाखों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट शुरू किए. स्किल के प्रोग्राम शुरू किए. अब भारत आत्मनिर्भर भारत के अभियान पर आगे बढ़ गया है. इससे वैश्विक औद्योगिक क्रांति को मदद मिलेगी. 

इन चार बातों पर निर्भर करेगा भविष्य
पीएम मोदी ने कहा, आने वाले वक्त में कनेक्ट्विटी (Connectivity) , ऑटोमेशन (Automation) , आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस/मशीन लर्निंग और रियल टाइम डेटा (Real time Data) पर सबसे ज्यादा जोर रहेगा. भारत के दूरदराज क्षेत्रों में भी कनेक्टिविटी बढ़ी है. भारत का ऑटोमेशन डिजाइन पूल भी बड़ा है. दुनिया की इंजीनयिरिंग कंपनियों का सेंटर भी यहीं हैं. AI और मशीन लर्निंग में भी भारत के दिग्गज दुनिया में छाए हैं. भारत में 1.3 अरब लोगों के पास यूनीवर्सिल आईडी आधार (Aadhar) . कोरोना काल में 4 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन UPI से हुआ है. दुनिया भर के देश यूपीआई  सिस्टम पर गौर कर रहे हैं. भारत ने 16 करोड़ लोगों तक 1.8 लाख करोड़ रुपये सीधे लोगों के खाते में पहुंचाकर कोरोना काल में मदद की. यूनीक हेल्थ आईडी देने का काम शुरू करेगा. भारत की हर सफलता पूरे विश्व की कामयाबी में मदद देगी. 

400 से ज्यादा प्रतिनिधि ले रहे हिस्सा
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) के इस सत्र में दुनिया भर के करीब 400 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. इसमें प्रधानमंत्री ने कोरोना काल के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार का खाका रखा. तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल पर बात की. विश्व आर्थिक मंच का यह सम्मेलन ऐसे वक्त हो रहा है, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था कोरोना के एक साल में गंभीर आर्थिक नुकसान से उबरने की कोशिश कर रही है. ऐसे में पोस्ट कोविड इकोनॉमिक व्यू (कोरोना काल के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था का रास्ता) पर विश्व आर्थिक मंच में चर्चा बेहद अहम हो जाती है. 

भारत सबसे तेज विकास दर वाला देश होगा
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की आर्थिक विकास दर (GDP) 11.5 फीसदी रह सकती है. भारत फिर से सबसे तेज विकास होने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा फिर मिल सकता है. दरअसल, वित्त वर्ष की 2020-21 की पहली तिमाही में विकास दर -23.5 फीसदी और दूसरी तिमाही में -7.5 फीसदी रही थी. पूरे वित्त वर्ष में GDP -7.7 फीसदी रह सकती है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com