विज्ञापन
This Article is From Apr 07, 2018

रक्सौल-काठमांडु के बीच रणनीतिक रेल लाइन बिछायेगा भारत

नेपाल के लोगों के साथ संपर्क बढ़ाने और थोक में माल की आवाजाही के लिये भारत बिहार के रक्सौल से नेपाल की राजधानी काठमांडों के बीच रणनीतिक रेल संपर्क का निर्माण करेगा.

रक्सौल-काठमांडु के बीच रणनीतिक रेल लाइन बिछायेगा भारत
पीएम मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: नेपाल के लोगों के साथ संपर्क बढ़ाने और थोक में माल की आवाजाही के लिये भारत बिहार के रक्सौल से नेपाल की राजधानी काठमांडों के बीच रणनीतिक रेल संपर्क का निर्माण करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनके नेपाली समकक्ष के. पी. शर्मा ओली की अध्यक्षता में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के बाद आज यह घोषणा की गयी. ओली तीन दिवसीय दौरे पर यहां आये हुए हैं. सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, दोनों प्रधानमंत्री नई विद्युतीकृत रेल लाइन बनाने पर सहमत हुए हैं. भारत के सीमाई शहर से नेपाल को जोड़ने वाली इस रेल लाइन का वित्तपोषण भारत करेगा. बयान में कहा गया कि इसका उद्देश्य दोनों पड़ोसी देशों के बीच संपर्क का विस्तार करना , दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना और आर्थिक वृद्धि एवं विकास को तेज करना है. 

यह भी पढ़ें: संयुक्‍त प्रेस कॉन्‍फ्रेंस : पीएम मोदी बोले, काठमांडू को भारत से जोड़ेगी नई रेलवे लाइन

दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-नेपाल सीमा पार रेल परियोजनाओं के पहले चरण के क्रियान्वयन पर संतोष जाहिर किया. दोनों नेताओं को इस बात से अवगत कराया गया कि जयनगर से जनकपुर / कुर्था तथा जोगबनी से विराटनगर कस्टम यार्ड के बीच रेल लाइन 2018 में तैयार हो जाएगी. जयनगर - विजलपुरा - वर्दीवास और जोगबनी - विराटनगर परियोजनाओं के शेष हिस्से पर काम आगे बढ़ाया जाएगा। भारत ने जारी रेल परियोजनाओं के लिए भूमि उपलब्ध कराने समेत अन्य लंबित मुद्दों का तेजी से हल निकालने में नेपाल की प्रतिबद्धता की सराहना की. रक्सौल से काठमांडों को जोड़ने वाली रणनीतिक रेल लाइन प्रस्ताव इस संबंध में उल्लेखनीय है कि यह चीन की तरफ से तिब्बत से होकर नेपाल तक रेल संपर्क मार्ग बनाने के लिये मार्च 2016 में सहमत होने के करीब दो साल बाद आया है. 

यह भी पढ़ें: 2014 के लोकसभा चुनाव में ही BJP का दामन थामने वाले ये सांसद हैं दलित मुद्दे पर मोदी सरकार से नाराज

हाल ही में चीन ने नेपाल को जोड़ने वाले तीन राजमार्ग पर भी काम शुरू किया है जो 2020 तक पूरे हो जाएंगे. यह समझौता उस घटना के कुछ वर्षों के बाद हुआ है जब 2015- 16 में भारत- नेपाल सीमा पर 135 दिन के बंद के लिये नेपाली जनता के कुछ वर्ग ने घटना के लिये भारत को जिम्मेदार ठहराया और इससे आपसी भरोसे में संदेह पैदा हुआ. इस बंद की वजह से नेपाली अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ. रेल संपर्क तैयार करने के मद्देनजर दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारत नेपाल के परामर्श से एक साल के भीतर सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लेगा. इसके बाद क्रियान्वयन को अंतिम रूप दिया जाएगा तथा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के आधार पर वित्तपोषण के तरीके तय किये जाएंगे. 

VIDEO: विपक्ष पर पीएम मोदी का तीखा हमला
ओली ने आश्वासन दिया कि नेपाल नयी रेल लाइन के सर्वेक्षण को जल्दी पूरा करने में पूरी तरह से सहयोग करेगा. इसके अलावा न्यू जलपाईगुड़ी - काकरभिट्टा , नौतनवा - भैरहवा और नेपालगंज रोड - नेपालगंज रेल परियोजनाओं पर भी विचार चल रहा है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com