नई दिल्ली:
दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, महात्मा गांधी और सरदार पटेल की भूमि से आया हूं, जिन्होंने अपनी जवानी देश में स्वराज्य के लिए जेलों में बिता दी, और पूरा जीवन उसी प्रयास में खपा दिया। इन्हीं के प्रयासों से हमें स्वराज्य मिला, लेकिन आज आज़ादी के छह दशक से ज़्यादा समय बीत जाने के बाद भी देश सुराज्य के लिए इंतज़ार कर रहा है।
पूरी दुनिया की नज़रें आज गुजरात के विकास पर हैं, और सभी जगह उसकी चर्चा है। मोदी ने कहा, दरअसल, मेरी सोच हमेशा आशावादी रही है, और मैं उसी दिशा में काम करता हूं, जो हमेशा प्रो-पीपल (जनोन्मुखी) और गुड गवर्नेन्स (सुराज या सुराज्य) के साथ होता है।
भारत इस समय दुनिया का सबसे नौजवान देश है, जिसकी 65 प्रतिशत आबादी की उम्र 35 साल से कम है, जबकि इसके विपरीत पूरा यूरोप और चीन लगभग बूढ़े हो चुके हैं, लेकिन सबसे ज़्यादा अफसोसनाक यह है कि हम इस युवाशक्ति का उचित इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं।
उन्होंने कहा कि आज हर तरफ निराशा का माहौल है और हर आदमी उससे बचकर भागना चाहता है, लेकिन मेरी सोच हमेशा आशावादी रही है। मुख्यमंत्री के तौर पर यह मेरा चौथा कार्यकाल है और मैं अपने अनुभव से जानता हूं कि मौजूदा माहौल में भी हम तरक्की कर सकते हैं और इससे कहीं ज्यादा हासिल कर सकते हैं।
मोदी के मुताबिक भारत गरीब देश नहीं है, क्योंकि हमारे पास प्राकृतिक संसाधनों के रूप में अपार संपदा है, लेकिन हम उन संसाधनों का उचित इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं और यही हमारी चुनौती है। हमने गुजरात के विकास को तीन स्तंभों - कृषि, उद्योग तथा सेवा क्षेत्र - पर आधारित रखा है और स्थिति ऐसी है कि यदि इनमें से एक स्तंभ गिर भी जाता है, तो बाकी दोनों राज्य की अर्थव्यवस्था को संभाले रहेंगे।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, यह हमारी बड़ी उपलब्धि है, कि जो राज्य पानी की कमी से लगातार जूझता रहा है, वह आज आवश्यकता से अधिक कृषि उत्पादन कर इतिहास रच रहा है। हम अपने किसानों को अपना उत्पादन बढ़ाने की तरकीबें सिखाने पर जोर देते हैं। गुजरात के प्रत्येक किसान के पास भूमि स्वास्थ्य कार्ड है, जिससे उसे अपनी जमीन के हिसाब से फसल और खाद तय करने में मदद मिलती है। यह गुजरात की उपलब्धि इसलिए है, क्योंकि दूसरी ओर देश में साधारण नागरिकों के पास खुद के स्वास्थ्य कार्ड भी नहीं है।
मोदी ने दावा किया, आज गुजरात इस देश का एकमात्र राज्य है, जहां भूमिगत पानी का स्तर ऊपर उठ रहा है, क्योंकि हमने पानी बचाने के लिए परियोजनाएं चलाई हैं। आज दिल्ली के लोग जो दूध पी रहे हैं, न सिर्फ वह गुजरात से आता है, बल्कि यूरोप में बिकने वाली भिंडी भी सिर्फ गुजरात से ही जाती है। भले ही हम सेवा क्षेत्र में बहुत मजबूत नहीं रहे हैं, लेकिन आज गुजरात की पर्यटन से होने वाली आय देश की पर्यटन आय की तुलना में दोगुनी है। उन्होंने अभिनेता अमिताभ बच्चन का जिक्र करते हुए भी कहा कि आज वह लोगों को खुद जा-जाकर गुजरात घूमने की सलाह देते हैं।
कॉलेज में सुशासन और विकास के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी के विचार सुनने के लिए लगभग 1,800 छात्रों का भारी जमावड़ा इकट्ठा हुआ, जबकि कुछ छात्रों ने कॉलेज के बाहर मोदी के विरोध में भी प्रदर्शन किया और नारे लगाए।
सुरक्षा व्यवस्था के तहत लगाए गए पुलिस बैरिकेडों के सामने लगभग 50 छात्र-छात्राएं हाथों में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के बैनर लिए आ गए, और मोदी-विरोधी नारे लगाते हुए उन्हें वापस भेजने की मांग करने लगे। उनका कहना था कि नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करना वर्ष 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों की अनदेखी करना है। श्री मोदी को एसआरसीसी के छात्रों ने वक्ता के रूप में एक पोल के जरिये चुना था।
सुबह नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद मोदी ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ गुजरात को लेकर काफी अच्छी बातचीत हुई।
मोदी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि देश के बाकी राज्यों को जो सहूलियतें केंद्र से मिल रही हैं, वे गुजरात को भी मिलनी चाहिए। मोदी ने गैस की कीमतों में भेदभाव को लेकर प्रधानमंत्री के सामने अपनी बात भी रखी। हालांकि प्रधानमंत्री पद की दावेदारी का सवाल वह टाल गए।
मोदी 12 फरवरी को महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए इलाहाबाद भी जाएंगे। हाल के हफ्तों में मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के लिए पार्टी में मांग तेज होती जा रही है।
पूरी दुनिया की नज़रें आज गुजरात के विकास पर हैं, और सभी जगह उसकी चर्चा है। मोदी ने कहा, दरअसल, मेरी सोच हमेशा आशावादी रही है, और मैं उसी दिशा में काम करता हूं, जो हमेशा प्रो-पीपल (जनोन्मुखी) और गुड गवर्नेन्स (सुराज या सुराज्य) के साथ होता है।
भारत इस समय दुनिया का सबसे नौजवान देश है, जिसकी 65 प्रतिशत आबादी की उम्र 35 साल से कम है, जबकि इसके विपरीत पूरा यूरोप और चीन लगभग बूढ़े हो चुके हैं, लेकिन सबसे ज़्यादा अफसोसनाक यह है कि हम इस युवाशक्ति का उचित इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं।
उन्होंने कहा कि आज हर तरफ निराशा का माहौल है और हर आदमी उससे बचकर भागना चाहता है, लेकिन मेरी सोच हमेशा आशावादी रही है। मुख्यमंत्री के तौर पर यह मेरा चौथा कार्यकाल है और मैं अपने अनुभव से जानता हूं कि मौजूदा माहौल में भी हम तरक्की कर सकते हैं और इससे कहीं ज्यादा हासिल कर सकते हैं।
मोदी के मुताबिक भारत गरीब देश नहीं है, क्योंकि हमारे पास प्राकृतिक संसाधनों के रूप में अपार संपदा है, लेकिन हम उन संसाधनों का उचित इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं और यही हमारी चुनौती है। हमने गुजरात के विकास को तीन स्तंभों - कृषि, उद्योग तथा सेवा क्षेत्र - पर आधारित रखा है और स्थिति ऐसी है कि यदि इनमें से एक स्तंभ गिर भी जाता है, तो बाकी दोनों राज्य की अर्थव्यवस्था को संभाले रहेंगे।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, यह हमारी बड़ी उपलब्धि है, कि जो राज्य पानी की कमी से लगातार जूझता रहा है, वह आज आवश्यकता से अधिक कृषि उत्पादन कर इतिहास रच रहा है। हम अपने किसानों को अपना उत्पादन बढ़ाने की तरकीबें सिखाने पर जोर देते हैं। गुजरात के प्रत्येक किसान के पास भूमि स्वास्थ्य कार्ड है, जिससे उसे अपनी जमीन के हिसाब से फसल और खाद तय करने में मदद मिलती है। यह गुजरात की उपलब्धि इसलिए है, क्योंकि दूसरी ओर देश में साधारण नागरिकों के पास खुद के स्वास्थ्य कार्ड भी नहीं है।
मोदी ने दावा किया, आज गुजरात इस देश का एकमात्र राज्य है, जहां भूमिगत पानी का स्तर ऊपर उठ रहा है, क्योंकि हमने पानी बचाने के लिए परियोजनाएं चलाई हैं। आज दिल्ली के लोग जो दूध पी रहे हैं, न सिर्फ वह गुजरात से आता है, बल्कि यूरोप में बिकने वाली भिंडी भी सिर्फ गुजरात से ही जाती है। भले ही हम सेवा क्षेत्र में बहुत मजबूत नहीं रहे हैं, लेकिन आज गुजरात की पर्यटन से होने वाली आय देश की पर्यटन आय की तुलना में दोगुनी है। उन्होंने अभिनेता अमिताभ बच्चन का जिक्र करते हुए भी कहा कि आज वह लोगों को खुद जा-जाकर गुजरात घूमने की सलाह देते हैं।
कॉलेज में सुशासन और विकास के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी के विचार सुनने के लिए लगभग 1,800 छात्रों का भारी जमावड़ा इकट्ठा हुआ, जबकि कुछ छात्रों ने कॉलेज के बाहर मोदी के विरोध में भी प्रदर्शन किया और नारे लगाए।
सुरक्षा व्यवस्था के तहत लगाए गए पुलिस बैरिकेडों के सामने लगभग 50 छात्र-छात्राएं हाथों में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के बैनर लिए आ गए, और मोदी-विरोधी नारे लगाते हुए उन्हें वापस भेजने की मांग करने लगे। उनका कहना था कि नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करना वर्ष 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों की अनदेखी करना है। श्री मोदी को एसआरसीसी के छात्रों ने वक्ता के रूप में एक पोल के जरिये चुना था।
सुबह नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद मोदी ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ गुजरात को लेकर काफी अच्छी बातचीत हुई।
मोदी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि देश के बाकी राज्यों को जो सहूलियतें केंद्र से मिल रही हैं, वे गुजरात को भी मिलनी चाहिए। मोदी ने गैस की कीमतों में भेदभाव को लेकर प्रधानमंत्री के सामने अपनी बात भी रखी। हालांकि प्रधानमंत्री पद की दावेदारी का सवाल वह टाल गए।
मोदी 12 फरवरी को महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए इलाहाबाद भी जाएंगे। हाल के हफ्तों में मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के लिए पार्टी में मांग तेज होती जा रही है।
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