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बहुप्रतीक्षित समझौते के लिए दोनों पक्षों ने आतंरिक प्रक्रियाएं पूरी की.
वार्ता के नतीजे के बारे में पहले से कोई मूल्यांकन नहीं कर सकता: स्वरूप
जापानी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी से भेंट की.
दोनों देशों ने पिछले दिसंबर में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की भारत यात्रा के दौरान असैन्य परमाणु ऊर्जा में सहयोग के लिए व्यापक समझौते को एक रूपरेखा प्रदान कर दी थी, लेकिन अंतिम संधि पर हस्ताक्षर होना बाकी था, क्योंकि कुछ तकनीकी एवं कानूनी मुद्दों को सुलझाया जाना था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि दोनों देशों ने इस संधि के मूल पाठ की कानूनी एवं तकनीकी पहलुओं समेत आतंरिक प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं.
लेकिन जब उनसे विशिष्ट रूप से पूछा गया कि क्या 11 नवंबर से शुरू हो रही पीएम मोदी की यात्रा के दौरान इस संधि पर हस्ताक्षर हो जाएगा, तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा, 'मैं वार्ता के नतीजे के बारे में पहले से ही कोई मूल्यांकन नहीं कर सकता'. जापान में विशेषकर वर्ष 2011 की फुकूशिमा परमाणु संयंत्र आपदा के बाद भारत के साथ परमाणु करार की दिशा में आगे बढ़ने के विरूद्ध राजनीतिक विरोध के स्वर हैं.
प्रधानमंत्री की इस यात्रा से पहले जापानी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज पीएम मोदी से भेंट की.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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