गुरदासपुर में आतंकी हमला के दौरान सुरक्षाकर्मी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पंजाब में हुए आतंकी हमले के बाद गृह मंत्रालय की चिंताएं बढ़ गई हैं। उसे लग रहा है कि राज्य सरकार कट्टरपंथी ताकतों को लेकर नरमी भरा रुख़ अख़्तियार कर रही है।
सीसीटीवी तस्वीरें बता रही हैं कि आतंकी सुबह-सुबह दीनानगर पहुंच गए थे। आतंकियों के पास से मिले दो जीपीएस की लोकेशन बता रही है कि वो सीमा पार से यहां पहुंचे। उन्होंने डुगरी के पास से घुसपैठ की, लेकिन गृह मंत्रालय के सामने असली सवाल ये है कि आतंकियों ने इस बार पंजाब को क्यों चुना।
गृह मंत्रालय के मुताबिक ये राज्य में आतंकवाद को फिर परवान चढ़ाने की कोशिश है। गृह मंत्रालय के मुताबिक आईएसआई पंजाब में अलगाववाद को हवा देने की कोशिश में है।
थाइलैंड से लाए गए कुछ पुराने आतंकियों ने माना है कि
आईएसआई ख़ालिस्तानी आंदोलन को फिर ज़िंदा करने की कोशिश कर रही है। हालांकि उसे अब तक ऐसे अलगाववादी नहीं मिल पा रहे हैं। उसके बाद उन्होंने कुछ फ़िदाईन दस्ते भेजने की पेशकश की जिन्हें खालिस्तान समर्थक मदद करें। इस हमले के पीछे यही गठजोड़ माना जा रहा है। हालांकि हमले में शामिल आतंकी सिख नहीं हैं।
माना जा रहा है कि पाकिस्तान ये साबित करने में लगा है कि वो जम्मू-कश्मीर के बाहर भी ऐसे हमले करा सकता है। इन सबको लेकर गृह मंत्रालय में एक अहम बैठक भी हुई है जिसमें पंजाब में आतंकियों को लेकर नरम रुख की चर्चा हुई।
पंजाब में कई आतंकियों को छोड़ने की बात हो रही है और भिंडरावाले की वापसी हो रही है। इन दोनों मसलों पर केंद्र,
राज्य सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं है।
सीसीटीवी तस्वीरें बता रही हैं कि आतंकी सुबह-सुबह दीनानगर पहुंच गए थे। आतंकियों के पास से मिले दो जीपीएस की लोकेशन बता रही है कि वो सीमा पार से यहां पहुंचे। उन्होंने डुगरी के पास से घुसपैठ की, लेकिन गृह मंत्रालय के सामने असली सवाल ये है कि आतंकियों ने इस बार पंजाब को क्यों चुना।
गृह मंत्रालय के मुताबिक ये राज्य में आतंकवाद को फिर परवान चढ़ाने की कोशिश है। गृह मंत्रालय के मुताबिक आईएसआई पंजाब में अलगाववाद को हवा देने की कोशिश में है।
थाइलैंड से लाए गए कुछ पुराने आतंकियों ने माना है कि
आईएसआई ख़ालिस्तानी आंदोलन को फिर ज़िंदा करने की कोशिश कर रही है। हालांकि उसे अब तक ऐसे अलगाववादी नहीं मिल पा रहे हैं। उसके बाद उन्होंने कुछ फ़िदाईन दस्ते भेजने की पेशकश की जिन्हें खालिस्तान समर्थक मदद करें। इस हमले के पीछे यही गठजोड़ माना जा रहा है। हालांकि हमले में शामिल आतंकी सिख नहीं हैं।
माना जा रहा है कि पाकिस्तान ये साबित करने में लगा है कि वो जम्मू-कश्मीर के बाहर भी ऐसे हमले करा सकता है। इन सबको लेकर गृह मंत्रालय में एक अहम बैठक भी हुई है जिसमें पंजाब में आतंकियों को लेकर नरम रुख की चर्चा हुई।
पंजाब में कई आतंकियों को छोड़ने की बात हो रही है और भिंडरावाले की वापसी हो रही है। इन दोनों मसलों पर केंद्र,
राज्य सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं है।
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