देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है. लाखों मरीज अस्पतालों में कोविड-19 से जूझ रहे हैं, वहीं हजारों लोग होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं. दूसरी वेव में म्यूटेंट और कई अलग वेरिएंट्स के चलते मरीजों के फेफड़ों पर असर हो रहा है. ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के संक्रमण में 'सांस लेने में दिक्कतों को दूर करने के लिए' कुछ सुझाव दिए हैं.
मंत्रालय ने Proning (प्रोनिंग) तकनीक का सहारा लेने को कहा है, जिसे मेडिकली प्रमाणित किया जा चुका है. इस तकनीक का सांस लेने में आ रही दिक्कतों और ऑक्सीजन लेवल सुचारु रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मंत्रालय का कहना है कि होम आइसोलेशन में जिन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही है, उन्हें इससे मदद मिलेगी.
#Unite2FightCorona
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) April 22, 2021
Proning as an aid to help you breathe better during #COVID19 pic.twitter.com/FCr59v1AST
क्यों करते हैं प्रोनिंग?
इस प्रक्रिया में मरीज को हल्के हाथों से सुरक्षित तरीके से पीठ से पेट के बल लिटाते हैं. इससे वेंटिलेशन में मदद मिलती है. मरीज का एल्वियोलर यूनिट खुला रहता है. यह तभी करना चाहिए, जब ऑक्सीजन लेवल 94 के स्तर के नीचे गिर जाए. इसके लिए मरीज का नियमित तौर पर तापमान, ऑक्सीजन लेवल, ब्लड शुगर वगैरह चेक करते रहना चाहिए.
कैसे करते हैं प्रोनिंग?
घर पर यह एक्सरसाइज करने के लिए आपको कुछ स्टेप का ध्यान रखना होगा-
1. पेट के बल लेटकर गर्दन के नीचे एक तकिया लगाएं, एक या दो तकिए छाती और ऊपरी जांघ के बीच लगाएं, दो तकिए नीचे पंजों के नीचे लगाएं.
2. अगर किसी को कोई हार्ट कंडीशन है. प्रेग्नेंट है या फिर रीढ़ या पेल्विक में कोई फ्रैक्चर है, तो उसे ये नहीं करना चाहिए. खाना खाने के बाद भी यह नहीं करना है.
3. मंत्रालय के निर्देशों में पांच स्टेप का एक प्रोनिंग मेथड भी बताया गया है, जिसमें घर पर सामान्य बेड और चादर के साथ किसी की मदद लेकर प्रोनिंग की जा सकती है.
4. आपको किसी भी पोजीशन में 30 मिनट से ज्यादा नहीं रहना है. 30-30 मिनट के अंतराल पर पोजीशन बदलते रहें.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं