Viral Photo में डॉक्टर ने बताया; लगातार PPE किट पहनने से क्या होता है हाल, सोशल मीडिया पर मिली तारीफ

सोहिल ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर की हैं, जो खूब वायरल हो रही हैं. एक तस्वीर में वो ( Dr Sohil Makwana) खुद पीपीई किट पहने दिख रहे हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में वो पूरी तरह पसीने से भीगे हुए दिखाई पड़ रहे हैं.

Viral Photo में डॉक्टर ने बताया; लगातार PPE किट पहनने से क्या होता है हाल, सोशल मीडिया पर मिली तारीफ

Dr Sohil Makwana अहमदाबाद के जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हैं

नई दिल्ली:

कोरोना से कराहते मरीजों के बीच लगातार 10-12 घंटों तक पीपीई किट (doctors PPE kits) पहनकर काम करने का शरीर पर क्या असर होता है, ये शायद हम घर बैठे आम लोगों को नहीं पता नहीं होगा. लेकिन हमारे डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी पीपीई किट पहनकर किस कदर घंटों कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं, उसकी बानगी गुजरात के डॉक्टर सोहिल मकवाना भी हैं. सोहिल मकवाना जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज धारपुर (GMERS Medical College at Dharpur) में काम करते हैं. उन्होंने दो तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं. एक में वो पीपीई किट पहने हुए हैं और दूसरे में वो पूरी तरह पसीने में भीगे दिखाई पड़ रहे हैं. मकवाना का कहना है कि उन्हें देश की सेवा करते हुए गर्व है. 

सोहिल ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर की हैं, जो खूब वायरल हो रही हैं. एक तस्वीर में वो ( Dr Sohil Makwana) खुद पीपीई किट पहने दिख रहे हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में वो पूरी तरह पसीने से भीगे हुए दिखाई पड़ रहे हैं. हालांकि इस सब कठिनाइयों से बेपरवाह मकवाना ने लिखा, इस मुश्किल भरे वक्त में  उन्हें अपने देश की सेवा करते हुए गर्व है. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने देश के सभी वयस्कों से कोरोना की वैक्सीन लगवाने की प्रार्थना की है. उन्होंने इसे महामारी को हराने का एकमात्र विकल्प बताया है. 

मकवाना ने लिखा, परिवार से दूर मैं सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की ओर से यह कह रहा हूं... हम कभी पॉजिटिव मरीज से कुछ फीट की दूरी पर होते हैं, कभी गंभीर रूप से बीमार मरीज के कुछ इंच दूर होते हैं... लिहाजा हम सभी से वैक्सीनेशन के लिए गुजारिश करते हैं. यही एक विकल्प है, सभी सुरक्षित रहें.

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सोशल मीडिया पर मकवाना को तारीफ भी मिल रही है, एक यूजर ने लिखा कि हमने भगवान को नहीं देखा है, लेकिन धरती पर आप भगवान की तरह हो. पूरी हेल्थ कम्युनिटी की बिना थके सेवाओं के कारण देश महामारी को मात देने के लिए संघर्ष कर रहा है.