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This Article is From Sep 17, 2019

विदेशी फंड पाने के लिए NGO के सभी सदस्यों को धर्मांतरण को लेकर देना होगा एफिडेविट

सोमवार को सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना में विदेशी योगदान (नियमन) नियम 2011 में बदलाव भी घोषित किए गए हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तय किए गए नए नियमों के अनुसार, अब किसी भी गैर-सरकारी संगठन (NGO) द्वारा विदेश से राशि हासिल करने के लिए उसके कर्मचारियों तथा अधिकारियों को सरकार के समक्ष घोषणा करनी होगी कि उन पर धर्मांतरण के मामले में कभी मुकदमा नहीं चलाया गया, अथवा वे कभी इस आरोप में दोषी करार नहीं दिए गए हैं.

सोमवार को सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना में विदेशी योगदान (नियमन) नियम 2011 में बदलाव भी घोषित किए गए हैं, जिनमें कहा गया है कि अब व्यक्तियों को एक लाख रुपये मूल्य तक के निजी तोहफों की घोषणा नहीं करनी होगी. इससे पहले, 25,000 रुपये से ज़्यादा मूल्य वाले तोहफों की घोषणा करना अनिवार्य था.

अधिसूचना के अनुसार, किसी भी NGO के 'पदाधिकारियों तथा मुख्य अधिकारियों व सदस्यों' के लिए यह प्रमाणित करना अनिवार्य कर दिया गया है कि उन्हें कभी किसी धर्म से अन्य धर्म में 'धर्मांतरण' करवाने अथवा 'साम्प्रदायिक तनाव अथवा वैमनस्य' फैलाने के लिए 'अभियुक्त नहीं बनाया गया, या दोषी करार नहीं दिया गया' है.

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इससे पहले, विदेशी फंड हासिल करने के लिए अनुमति मांगने वाले निदेशकों अथवा शीर्ष अधिकारियों के लिए ही ऐसी घोषणा करना अनिवार्य था.

इसके अलावा, अब से सिर्फ आवेदक को ही नहीं, NGO के प्रत्येक सदस्य को यह घोषणा करनी होगी कि वे कभी विदेशी फंड को 'डाइवर्ट' करने अथवा 'देशद्रोह' का प्रचार करने अथवा 'हिंसक तरीकों की वकालत करने' में शामिल नहीं रहे हैं.

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नए नियमों में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि विदेश यात्रा के दौरान होने वाली किसी मेडिकल एमरजेंसी के लिए किसी NGO सदस्य का विदेश में उपचार कराए जाने की सूचना एक माह के भीतर सरकार को दिया जाना आवश्यक होगा. सदस्य को फंड का स्रोत, भारतीय रुपयों में अनुमानित मूल्य, उद्देश्य तथा राशि को इस्तेमाल करने के तरीके की सूचना देनी होगी.

इससे पहले, यह जानकारी दो महीने में उपलब्ध करानी होती थी.

पिछले पांच साल के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार ने NGO के लिए विदेशी फंड हासिल करने से जुड़े नियम तथा प्रक्रियाएं सख्त कर दी हैं. कथित रूप से नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगभग 1,800 NGO से विदेशी फंड हासिल करने की अनुमति छीन ली गई.

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