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This Article is From Jul 12, 2019

कर्नाटक और गोवा संकट के बीच मध्य प्रदेश-राजस्थान में कितनी मजबूत हैं कांग्रेस की सरकारें

गोवा में कांग्रेस विपक्ष में बैठी है फिर भी अपने विधायक नहीं बचा पा रही है. गोवा में कांग्रेस के 15 विधायकों में से 10 पार्टी से अलग हो कर बीजेपी के खेमे में आ चुके हैं. तीसरा संकट तेलंगाना का है, जहां पहले कांग्रेस के 18 में से 12 विधायक जून में पार्टी छोड़ चुके हैं.    

कर्नाटक और गोवा संकट के बीच मध्य प्रदेश-राजस्थान में कितनी मजबूत हैं कांग्रेस की सरकारें
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कांग्रेस में संकट का दौर
गोवा में भी टूटे 10 विधायक
कर्नाटक में सरकार बचाने की कवायद
नई दिल्ली:

कर्नाटक और गोवा में जिस तरह से जितनी बड़ी संख्या में कांग्रेस के विधायक टूटे हैं उसके बाद से पार्टी को मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी चिंता हो सकती है. मध्य प्रदेश को लेकर तो कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में ही आशंका जाहिर कर दी है. कर्नाटक में सरकार बचाने के लिए कांग्रेस पूरी कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश  के बावजूद कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने संकट का सामना कर रहे सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के बागी विधायकों के इस्तीफे पर फौरन कोई फैसला करने से गुरुवार को इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि उनसे बिजली की गति से काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती. कोर्ट के आदेश के बाद 10 बागी विधायकों के विधानसभा अध्यक्ष (विधानसभा अध्यक्ष) के समक्ष पेश होने और स्वीकार किए जाने के लिए नये सिरे से अपना इस्तीफा सौंपने के बाद विधानसभा अध्यक्ष के कदम को लेकर रहस्य बरकरार है. कुमार ने कहा कि इस्तीफा सही प्रारूप में हैं लेकिन उन्हें इसकी पड़ताल करनी होगी कि क्या ये स्वैच्छिक और वास्तविक हैं. मुंबई से दो विशेष विमान से बेंगलुरू लाए गए 10 विधायकों ने एचएएल हवाई अड्डा से विधान सौध (राज्य सचिवालय) तक का सफर कड़ी सुरक्षा के बीच एक लग्जरी बस से किया.

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वहीं गोवा में कांग्रेस विपक्ष में बैठी है फिर भी अपने विधायक नहीं बचा पा रही है. गोवा में कांग्रेस के 15 विधायकों में से 10 पार्टी से अलग हो कर बीजेपी के खेमे में आ चुके हैं. तीसरा संकट तेलंगाना का है, जहां पहले कांग्रेस के 18 में से 12 विधायक जून में पार्टी छोड़ चुके हैं.    

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मध्य प्रदेश के समीकरण
2018 के दिसंबर में कांग्रेस ने 230 में से यहां 114 सीटें जीती थीं जबकि बीजेपी को 109 सीटें मिलीं. बहुमत के लिए 116 सीटें चाहिए. कांग्रेस को बीएसपी के 1 और 4 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है. इस मध्य प्रदेश में भी कर्नाटक की तरह ही मामला बेहद नजदीक का है एक-आध विधायक भी इधर से उधर हुआ तो सरकार संकट में आ जाएगी.

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राजस्थान का समीकरण
200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 101 है. यहां कांग्रेस के पास 100 और बीजेपी के पास 73 सीटें हैं. कांग्रेस को यहां पर 10 से ज्यादा निर्दलीय विधायक भी समर्थन कर रहे हैं. बीएसपी भी सरकार को समर्थन दे रही है. इस लिहाज से यहां बाकी राज्यों की तुलना में सरकार मजबूत स्थिति में है. लेकिन इस समय जो राजनीतिक माहौल है उसमें कब क्या हो जाए कुछ नहीं जा सकता है. क्योंकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई है और दूसरी ओर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ भी असंतोष के सुर फूट चुके हैं.\

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