भारत और पाक के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की बैठक बैंकॉक में हुई 'गुपचुप' बैठक को लेकर कई सवाल उठे हैं। मजे की बात यह है कि यह सवाल केवल विपक्ष ही नहीं, देश की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार मंत्रालय यानी गृह मंत्रालय में भी उठ रहे हैं।
आंतरिक सुरक्षा विंग ही तैयार करता है डॉजियर
भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत हो चुकी है, इसका इल्म किसी को नहीं था। यहां तक कि गृह मंत्रालय उसे भी बातचीत के बारे में कुछ पता नहीं था। एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय की आंतरिक सुरक्षा विंग को भी बैठक जानकारी नहीं थी। सुरक्षा विंग को जानकारी नहीं होना इस मामले में हैरान करने वाली है क्योंकि यही विंग वो सब डॉजियर तैयार करता है जो इस तरह की मीटिंग्स में बांटे जाते हैं। चूंकि अब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस्लामाबाद जा रही है, वहां बातचीत का क्या रुख रहेगा इस बारे में भी मंत्रालय को कुछ नहीं बताया गया है।
बातचीत करो, लेकिन रुख तो साफ करो
भाजपा सांसद आरके सिंह ने इस बारे में सधी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'बातचीत शुरू हुई, दोनों देशों के लिए यह अच्छी बात है।' उधर, विपक्ष सरकार भी सरकार के 'कभी हां, कभी न' वाले रुख को लेकर नाराज़गी दिखा रहा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, 'बातचीत करो लेकिन रुख साफ करो।'
पीएमओ ने ही ले लिए थे सारे फैसले
उधर, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, दोनो देशों ने एक-दूसरे के एजेंडे को महत्व दिया। एनएसए की बातचीत में भारत की ओर से आतंकवाद और पाकिस्तान की ओर से कश्मीर का मुद्दा उठाया गया। गौरतलब है कि पाकिस्तान के नए सुरक्षा सलाहकार नासिर जंजुआ, वहां के सेना प्रमुख राहिल शरीफ़ के नजदीकी माने जाते हैं। चूंकि पाकिस्तान में विदेश नीति पर उसकी सेना का असर होता है, इसीलिए भारत के लिए यह फ़ायदे के सौदा था। गृह मंत्रालय की ओर से इन सभी बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।
ये पहली बार नहीं है इस से पहले नगा समझौता मामले में भी गृह मंत्रालय की नॉर्थ ईस्ट डिवीजन को बिलकुल अलग रखा गया था। सभी फ़ैसले प्रधानमंत्री कार्यालय में ही ले लिए गए थे।
आंतरिक सुरक्षा विंग ही तैयार करता है डॉजियर
भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत हो चुकी है, इसका इल्म किसी को नहीं था। यहां तक कि गृह मंत्रालय उसे भी बातचीत के बारे में कुछ पता नहीं था। एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय की आंतरिक सुरक्षा विंग को भी बैठक जानकारी नहीं थी। सुरक्षा विंग को जानकारी नहीं होना इस मामले में हैरान करने वाली है क्योंकि यही विंग वो सब डॉजियर तैयार करता है जो इस तरह की मीटिंग्स में बांटे जाते हैं। चूंकि अब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस्लामाबाद जा रही है, वहां बातचीत का क्या रुख रहेगा इस बारे में भी मंत्रालय को कुछ नहीं बताया गया है।
बातचीत करो, लेकिन रुख तो साफ करो
भाजपा सांसद आरके सिंह ने इस बारे में सधी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'बातचीत शुरू हुई, दोनों देशों के लिए यह अच्छी बात है।' उधर, विपक्ष सरकार भी सरकार के 'कभी हां, कभी न' वाले रुख को लेकर नाराज़गी दिखा रहा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, 'बातचीत करो लेकिन रुख साफ करो।'
पीएमओ ने ही ले लिए थे सारे फैसले
उधर, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, दोनो देशों ने एक-दूसरे के एजेंडे को महत्व दिया। एनएसए की बातचीत में भारत की ओर से आतंकवाद और पाकिस्तान की ओर से कश्मीर का मुद्दा उठाया गया। गौरतलब है कि पाकिस्तान के नए सुरक्षा सलाहकार नासिर जंजुआ, वहां के सेना प्रमुख राहिल शरीफ़ के नजदीकी माने जाते हैं। चूंकि पाकिस्तान में विदेश नीति पर उसकी सेना का असर होता है, इसीलिए भारत के लिए यह फ़ायदे के सौदा था। गृह मंत्रालय की ओर से इन सभी बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।
ये पहली बार नहीं है इस से पहले नगा समझौता मामले में भी गृह मंत्रालय की नॉर्थ ईस्ट डिवीजन को बिलकुल अलग रखा गया था। सभी फ़ैसले प्रधानमंत्री कार्यालय में ही ले लिए गए थे।
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