केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का प्रवेशद्वार थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे रद्द कर उस रास्ते को बंद कर दिया है. शाह ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर का बाकी देश के साथ एकीकरण का सरदार वल्लभभाई पटेल का अधूरा सपना पांच अगस्त को पूरा हुआ जब अनुच्छेद 370 और 35ए रद्द किये गए. पटेल की 144वीं जयंती के मौके पर यहां एकता दौड़ की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 370 और 35ए भारत में आतंकवाद का रास्ता थे. प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें रद्द कर इस रास्ते को बंद कर दिया है.'
बता दें, जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बुधवार मध्यरात्रि को समाप्त हो गया और इसके साथ ही दो नए केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख अस्तित्व में आ गए. अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को संसद द्वारा समाप्त किए जाने के 86 दिन बाद यह निर्णय प्रभावी हुआ है. गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी. देर रात जारी अधिसूचना में, मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर संभाग ने प्रदेश में केंद्रीय कानूनों को लागू करने समेत कई कदमों की घोषणा की.
यह पहली बार होगा जब किसी राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में तब्दील किया गया है. इसके साथ ही देश में राज्यों की संख्या 28 रह गई और केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या बढ़कर नौ हो गई.
इसी के साथ जम्मू-कश्मीर के संविधान और रणबीर दंड संहिता का बृहस्पतिवार से अस्तित्व खत्म हो जाएगा जब राष्ट्र पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाने के लिए ‘राष्ट्रीय एकता दिवस' मनाएगा. पटेल को भारत संघ में 560 से अधिक राज्यों का विलय करने का श्रेय जाता है.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 कहता है कि दो केंद्रशासित प्रदेशों के गठन का दिन 31 अक्टूबर है और यह मध्यरात्रि (बुधवार-बृहस्पतिवार) को अस्तित्व में आएंगे. राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने और इसके विभाजन की घोषणा पांच अगस्त को राज्यसभा में की गई थी.
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