कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियपुरप्पा के तेवर से लगता है कि बीजेपी आलाकमान की परेशानी बढ़ने जा रही है. उनसे इस्तीफा लेना आसान नहीं होगा. लिंगायत मठाधीशों के साथ-साथ लिंगायत संगठनों के प्रमुखों ने चेतावनी दी है कि अगर पार्टी आलाकमान ने येदियुरप्पा को हटाया तो नतीजे भुगतने को तैयार रहे. येदियुरप्पा अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए विधायकों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं. दूसरी तरफ येदियुरप्पा का विरोधी खेमा भी सक्रिय है.
कर्नाटक के लिंगायत मठाधीशों के साथ-साथ लिंगायत संगठनों के प्रमुखों ने चेतावनी दी है कि अगर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व ने येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाया तो वह नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहे. खबर थी कि येदियुरप्पा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री के तौर पर इस्तीफे की पेशकश की. इस खबर के बाद मंगलवार को बेंगलुरु में लिंगायत मठों के प्रमुखों से बीएस येदियुरप्पा की मुलाक़ात हुई. यह खबर बीजेपी आलाकमान की चिंता का सबब है. लिंगायतों के पंच-पीठ का कमोबेश समर्थन येदियुरप्पा के साथ है और उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि अगर येदियुरप्पा को हटाया गया तो बीजेपी को इसके बुरे नतीजे भुगतने होंगे.
रम्बापुरी पीठ के जगतगुरु डॉ वीरसोमेश्वरा ने कहा है कि बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, मुझे पूरा भरोसा है. अगर कुछ उलटफेर किया गया तो पार्टी को खामियाज़ा भुगतना पड़ेगा.
मठाधीशों के साथ साथ वीरशैव लिंगायत महासंगठन प्रमुख शामनूर शिवशंकरप्पा भी येदियुरप्पा से मिले और अपना समर्थन जताया. शामनूर शिवशंकरप्पा ने कहा कि नहीं भूलना चाहिए कि जांच पटेल निजलिंगप्पा वीरेंद्र पाटील और एसआर बोम्मई जैसे नेताओं को जब हटाया गया तो क्या हुआ. अगर वह लोग येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री के पद से हटाते हैं तो ये एक युग का अंत होगा और इतिहास खुद को दोहराएगा.
अपना समर्थन मजबूत करने के लिए-कभी घर पर तो कभी 5 सितारा होटल में लंच पर येदियुरप्पा विधायकों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं. दूसरी तरफ येदियुरप्पा का विरोधी खेमा भी सक्रिय है.
वरिष्ठ बीजेपी विधायक बसवन गौड़ पाटिल यतनाल ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल नहीं हूं लेकिन मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ईमानदार और हिंदूवादी नेता को मुख्यमंत्री बनाएंगे जो चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाएगा.
खुद ही कुर्सी कौन छोड़ता है, वो भी मुख्यमंत्री की, पार्टी आलाकमान ने येदियुरप्पा पर त्यागपत्र देने का दबाव बनाया. अब येदियुरप्पा दबाव बना रहे हैं. साथ साथ येदियुरप्पा ये भी पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि अपने लिंगायत समाज और पार्टी विधायकों पर उनकी पकड़ अब कितनी है और उनके साथ कितने लोग खड़े हैं.
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