नई दिल्ली:
देश के राज्यों में पुलिसकर्मियों की भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के गृह सचिव या उनके अधिकृत अफसर को कोर्ट में तलब किया है. हरियाणा में 15,163, मध्य प्रदेश में 14,729 और छत्तीसगढ़ में 12,638 पुलिसकर्मियों के पद खाली हैं.
पिछली सुनवाई में पुलिसकर्मियों की भर्तियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई थी. सरकार के रोडमैप पर गहरी नाराजगी जताते हुए CJI खेहर ने कहा कि ऐसे प्रस्ताव देने वाले को जेल भेज देना चाहिए. सरकार हमारा मजाक न बनाए, हम सरकार के पुलिसकर्मियों की भर्ती पर नजर रख रहे हैं. सरकार कह रही है कि जुलाई 2019 यानी ढाई साल में 86 स्टेनोग्राफर की भर्ती पूरी होगी. क्या इस काम में इतना वक्त लगेगा? आपको चाहिए कि स्टेनोग्राफी टेस्ट करें और लोगों को सेलेक्ट करें. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के रोडमैप को ठुकराया और नए रोडमैप के साथ शुक्रवार को दोबारा एडिशनल सेक्रेटरी को पेश होने को कहा था.
गुजरात सरकार को चुनाव के कारण मिले तीन महीने
वहीं गुरुवार को सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि 6000 पुलिसकर्मियों के पदों पर नियुक्तियों को 31 अगस्त 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये काम मई में पूरा होना चाहिए. लेकिन गुजरात सरकार की ओर से कहा गया कि राज्य में चुनाव होने हैं इसलिए ज्यादा वक्त लग सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए तीन महीने का अतिरिक्त वक्त दे दिया. गुजरात सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य में पिछले 6 साल में 47 हजार पुलिसकर्मियों को भर्ती किया गया है. गुजरात में इस वक्त सबसे ज्यादा नौजवान पुलिस फोर्स में हैं.
पिछली सुनवाई में पुलिसकर्मियों की भर्तियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई थी. सरकार के रोडमैप पर गहरी नाराजगी जताते हुए CJI खेहर ने कहा कि ऐसे प्रस्ताव देने वाले को जेल भेज देना चाहिए. सरकार हमारा मजाक न बनाए, हम सरकार के पुलिसकर्मियों की भर्ती पर नजर रख रहे हैं. सरकार कह रही है कि जुलाई 2019 यानी ढाई साल में 86 स्टेनोग्राफर की भर्ती पूरी होगी. क्या इस काम में इतना वक्त लगेगा? आपको चाहिए कि स्टेनोग्राफी टेस्ट करें और लोगों को सेलेक्ट करें. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के रोडमैप को ठुकराया और नए रोडमैप के साथ शुक्रवार को दोबारा एडिशनल सेक्रेटरी को पेश होने को कहा था.
गुजरात सरकार को चुनाव के कारण मिले तीन महीने
वहीं गुरुवार को सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि 6000 पुलिसकर्मियों के पदों पर नियुक्तियों को 31 अगस्त 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये काम मई में पूरा होना चाहिए. लेकिन गुजरात सरकार की ओर से कहा गया कि राज्य में चुनाव होने हैं इसलिए ज्यादा वक्त लग सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए तीन महीने का अतिरिक्त वक्त दे दिया. गुजरात सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य में पिछले 6 साल में 47 हजार पुलिसकर्मियों को भर्ती किया गया है. गुजरात में इस वक्त सबसे ज्यादा नौजवान पुलिस फोर्स में हैं.
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