दिल्ली पुलिस ने एचडीएफसी (HDFC) के एक बैंक मैनेजर को गिरफ्तार किया. आरोपी मैनेजर ने फ़र्ज़ी सैलरी स्लिप (Fake Salary Slip) और बैंक स्टेटमेंट (Bank Statement) के आधार पर सैकड़ों लोगों को 10 करोड़ से ज्यादा का लोन (Loan) दे दिया. इस मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वारा 3 आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
आर्थिक अपराध शाखा के डीसीपी मोहम्मद अली के मुताबिक, एचडीएफसी बैंक की तरफ से शिकायत मिली थी कि जांच में बैंक के 145 पर्सनल लोन (Personal Loan)और 78 क्रेडिट कार्ड (Credit Card) ऐसे पाए गए हैं, जिनका पहले फ़र्ज़ी दस्तावेजों के आधार पर सेविंग अकॉउंट खोला गया. फिर पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड दे दिए गए. इससे बैंक को 10 करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया गया है. जिन लोगों के अकॉउंट खोले गए हैं, उनमें से ज्यादातर लोगों ने खुद को क्लर्क या टीचर बताया है.
पुलिस ने जांच शुरू की तो बैंक के 4 अधिकारी शक के दायरे में आए. इनमें राम आशीष, मनोज दुबे, विनोद कुमार और पिनाकी कुमार शामिल थे. पुलिस ने एमसीडी के स्कूलों और अलग अलग विभागों को पत्र लिखकर खाता खुलवाने वालों की जानकारी मांगी लेकिन वहां से जबाब आया कि इस नाम से वहां कोई नौकरी नहीं करता. जांच में ये पता चला कि एचडीएफसी की अलग-अलग ब्रांच में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों ने एक साजिश के तहत लोगों के फ़र्ज़ी सैलरी स्लिप ,बैंक स्टेटमेंट और आईडी तैयार कीं.
बैंक की खामियों का फायदा उठाते हुए 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा दिया. इन मामले में पुलिस बैंक के स्टाफ राम आशीष, विनोद प्रसाद, तबरेज़ को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. 8 मार्च को पुलिस ने इस मामले एक और आरोपी से संजीत सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया.संजीत 2015 से 2017 तक दिल्ली में एचडीएफसी बैंक की अलग अलग ब्रांच में रहा है ,फिलहाल वो गुरुग्राम की एक एचडीएफसी बैंक में बैंक मैनेजर के पद पर तैनात था
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