अलगाववादी नेता मसर्रत आलम (फाइल फोटो)
श्रीनगर:
जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट ने मंगलवार को अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तार करने के आदेश को खारिज कर दिया। न्यायाधीश एम.ए. अत्तार की पीठ ने राज्य सरकार के पीएसए के तहत आलम को गिरफ्तार किए जाने के आदेश को खारिज कर दिया।
राज्य सरकार इसी अधिनियम के तहत इससे पहले आलम को हिरासत में रख चुकी है। हाईकोर्ट के जज हसनैन मसूदी द्वारा इसी साल अगस्त में दिए गए आदेश पर जम्मू के कोठबलवल जेल से रिहा किए गए आलम को सितंबर में दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था।
इसी साल एक मार्च को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की गठबंधन दल की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने आलम को रिहा करवा दिया था।
आलम के नेतृत्व में इसके बाद अप्रैल में निकाली गई एक रैली के दौरान पाकिस्तान का झंडा लहराए जाने पर अधिकारियों ने उन्हें पीएसए के तहत गिरफ्तार कर लिया था और कोठबलवल जेल भेज दिया था।
राज्य सरकार इसी अधिनियम के तहत इससे पहले आलम को हिरासत में रख चुकी है। हाईकोर्ट के जज हसनैन मसूदी द्वारा इसी साल अगस्त में दिए गए आदेश पर जम्मू के कोठबलवल जेल से रिहा किए गए आलम को सितंबर में दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था।
इसी साल एक मार्च को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की गठबंधन दल की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने आलम को रिहा करवा दिया था।
आलम के नेतृत्व में इसके बाद अप्रैल में निकाली गई एक रैली के दौरान पाकिस्तान का झंडा लहराए जाने पर अधिकारियों ने उन्हें पीएसए के तहत गिरफ्तार कर लिया था और कोठबलवल जेल भेज दिया था।
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