यह ख़बर 08 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

धमाके के संदिग्धों की तलाश में छापेमारी जारी

खास बातें

  • एक संदिग्ध कार की भी तलाश की जारी है। एनआईए उस ई−मेल की जांच में भी जुटी है, जिसे आतंकी संगठन हूजी ने मीडिया संगठनों को भेजा है।
New Delhi:

दिल्ली हाईकोर्ट में कल हुए धमाके के गुनहगारों के बारे में अभी ठोस सुराग हाथ नहीं लगे हैं। नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी यानी एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीमें संदिग्धों के स्केच जारी करके उनकी तलाश में छापे मार रही हैं। इसके अलावा एक संदिग्ध कार की भी तलाश की जारी है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को शक है कि हाईकोर्ट में धमाका करने वाले गुनहगारों ने इसी कार का इस्तेमाल किया। पुलिस के पास कार का जो रजिस्ट्रेशन नंबर है उसकी जांच से पता चला है कि यह कार दरियागंज स्थित नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के नाम है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह नंबर फर्जी भी हो सकता है और कार भी चोरी की हो सकती है। एनआईए उस ई−मेल की जांच में भी जुटी है, जिसे आतंकी संगठन हूजी ने मीडिया संगठनों को भेजा है। यह ई-मेल जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ से भेजा गया है और एनआईए इसकी जांच के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के संपर्क में है, लेकिन ई−मेल में कई तरह की गलतियां हैं, जिन्हें लेकर एनआईए ने आशंका जताई है कि हो सकता है कि जांच को भटकाने के लिए यह ई−मेल भेजा गया हो। हूजी ने इस ई−मेल में कहा है कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को सुनाई गई मौत की सजा को तुरंत रद्द किया जाए, वरना वह हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाएगी। हालांकि इस ई-मेल के दावे में कितनी सच्चाई है, इसकी जांच जारी है। धमाकों के के बाद संदिग्धों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के चंदौली में पुलिस ने शमीम नाम के एक फरार आतंकी के घर पर छापा मारा है। शमीम वाराणसी के संकट मोचन ब्लास्ट का आरोपी है। शक के आधार पर पुलिस ने शमीर के घर से एक मोबाइल को भी कब्जे में लिया है। शमीम के घरवालों का कहना है कि कई सालों से वह घर नहीं आया है।


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