विज्ञापन
This Article is From Feb 19, 2019

आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले जवानों के लिए मीडिया में ‘शहीद’ शब्द के इस्तेमाल संबंधी याचिका खारिज

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आतंकवादी या अन्य हमलों में जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों के संबंध में खबर देते समय मीडिया को ‘शहीद’ शब्द का इस्तेमाल करने का आदेश देने संबंधी याचिका मंगलवार को खारिज कर दी.

आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले जवानों के लिए मीडिया में ‘शहीद’ शब्द के इस्तेमाल संबंधी याचिका खारिज
दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आतंकवादी या अन्य हमलों में जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों के संबंध में खबर देते समय मीडिया को ‘शहीद' शब्द का इस्तेमाल करने का आदेश देने संबंधी याचिका मंगलवार को खारिज कर दी.  मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने एक वकील की इस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया.

याचिका में कहा गया था कि ‘मौत'' या ‘मारे गए' शब्द सम्मानजनक नहीं हैं. याचिका में जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा गया था कि जवानों के जान जंवाने की खबरों के संबंध में मीडिया को शहीद जैसे सम्मानजनक शब्दों का प्रयोग करना चाहिए. 

पुलवामा में पत्थरबाजी के बीच हुआ मास्टरमाइंड कमरान गाजी का एनकाउंटर, 18 घंटे चली मुठभेड़, 10 बड़ी बातें

गौरतलब है कि गुरुवार को सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था. इस काफिले में करीब 78 गाड़ियां थीं और 2500 जवान शामिल थे. उसी दौरान बाईं ओर से ओवरटेक कर विस्फोटक से लदी एक कार आई और उसने सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी. आतंकवादी ने जिस कार से टक्कर मारी थी, उसमें करीब 60 किलो विस्फोटक थे. इसकी वजह से विस्फोट इतना घातक हुआ कि इसमें 40 जवान शहीद हो गए. इस घटना पर पीएम मोदी ने सीधे तौर पर कहा है कि आतंकी बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं और अब उन्हें इसका अंजाम भी भूगतना होगा.  (इनपुट भाषा से)

VIDEO: पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड ढेर

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com