दिल्ली में जल संकट (Delhi Water Crisis) के बीच पानी को लेकर एक बार फिर केजरीवाल और हरियाणा सरकार के मध्य ठन गई है. दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा (Raghav Chadha) का आरोप है कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी द्वारा दिल्ली भेजे जाने वाले पानी में कटौती की है. पानी के मुद्दे पर जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा कि दिल्ली में भीषण गर्मी है, मानसून भी डिले है और कोरोना काल में पानी बेहद महत्वपूर्ण है. दिल्ली पानी के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर रहती है.
आप विधायक ने कहा, "आज दिल्ली पर जल संकट मंडरा रहा है, जिसके पाप और दोष की ज़िम्मेदार हरियाणा है. हरियाणा ने यमुना नदी से दिल्ली आने वाले पानी में भारी कटौती कर दी है. दिल्ली में 100 MGD (मिलियन गैलन प्रति दिन) पानी का प्रोडक्शन कम हो गया है. दिल्ली में पानी का कुल प्रोडक्शन 920 MGD होती था, जो रिकॉर्ड 945 MGD तक पहुंच गयी थी. हरियाणा की खट्टर सरकार दिल्ली में पानी के संकट के लिए ज़िम्मेदार है.
उन्होंने कहा कि चंद्रवाल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट(WTP) में प्रोडक्शन 90 MGD से घटकर 55 MGD रह गया है. वज़ीराबाद WTP में उत्पादन 135 से घटकर 80 MGD और ओखला WTP में 20 से घटकर 15 MGD रह गया है. हरियाणा सरकार के निकम्मेपन की वजह से नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लेकर, अंतरराष्ट्रीय दूतावास और सेंट्रल दिल्ली, वेस्ट दिल्ली में पानी की सप्लाई बाधित हुई है. हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय पानी दिल्ली को नहीं दे रही है.
वीडियो: राजधानी में पानी का संकट, दिल्ली जल बोर्ड ने बताई वजह
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