हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Haryana CM Manohar Lal Khattar) कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (Kurukshetra University) के जापानी भाषा (Japanese Language) के सर्टिफिकेट एंड डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लेने वाले पहले छात्र होंगे. वे गुरुवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की एल्यूमनी एसोसिएशन द्वारा आयोजित 'एल्यूमनी मीट प्रतिस्मृतिः पूर्व छात्र पुनर्मिलन 2021' में बतौर मुख्य अतिथि ऑनलाईन शामिल हुए. इससे एक दिन पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने दसवीं कक्षा की परीक्षा दी थी.
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने एल्यूमनी मीट का आयोजन पुरातन छात्रों को एक मंच पर लाने का सफल प्रयास है. उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना से पिछले 65 वर्षो में शिक्षा के हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. शिक्षा को हर वर्ग और हर क्षेत्र में पहुंचाने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम योगदान रहा है. इसका श्रेय विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों व कर्मचारियों को जाता है.
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मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत् केजी-टू-पीजी स्कीम को भी लांच किया. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के बहुउद्देशीय स्पोर्टस हॉल का उद्घाटन भी किया. इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में नए शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए चलाए जाने वाले जापानी भाषा के सर्टिफिकेट एंड डिप्लोमा कोर्स, बीबीए आनर्स तथा एमटैक डिफेंस टेक्नोलॉजी कोर्स को लांच किया. साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव के लिए जिंगल को भी लांच किया गया. साथ ही मुख्यमंत्री कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जापानी भाषा के सर्टिफिकेट एंड डिप्लोमा कोर्स में प्रथम विद्यार्थी के रूप में दाखिला लेंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एल्यूमनी एसोसिएशन द्वारा तैयार की गई स्मारिका का भी विमोचन किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान कृष्ण सबसे बड़े शिक्षक हैं व अर्जुन सबसे बड़े शिष्य हैं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह गौरव की बात है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की स्थापना 11 जनवरी 1956 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गई थी. इस शिक्षा के विराट मंदिर का इतिहास अपने आप में अतुलनीय है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संकट ने पूरे देश एवं दुनिया को सोचने एवं चिंतन करने के लिए मजबूर कर दिया है. वर्तमान में पूरे विश्व तथा भारत में जो परिस्थितियां हैं उससे आत्मनिर्भरता का मूल मंत्र उभर कर सामने आता है. आपदा को अवसर के रूप में बदलने की भारत की ये संकल्पमय दृष्टि "आत्मनिर्भर भारत" के लिए प्रभावी सिद्ध होने वाली हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस प्रकार योग के माध्यम से पूरे विश्व को निरोग बनाने का जो मूलमंत्र दिया है उसी प्रकार आत्मनिर्भर संकल्प के माध्यम से हम स्वदेशी को वैश्वीकरण के साथ जोड़कर नये आयाम स्थापित कर सकते हैं. भारत के लोगों में विपरीत परिस्थितियों में लड़ने की जो ताकत है, वह अमिट है.
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