उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत की फाइल फोटो
देहरादून:
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरुवार को यह कहकर सनसनी फैला दी कि केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री रहते हुए वह कई प्रस्ताव तीन ‘ओ’ की वजह से मंजूर नहीं करवा पाए।
हालांकि, बाद में रावत ने इन तीन ‘ओ’ का खुलासा करने से इंकार कर दिया और कहा कि जब वह चलने लायक नहीं रहेंगे, तभी इनसे पर्दा उठायेंगे। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल इसका रहस्य बने रहने देना चाहिए। जब मैं चलने लायक नहीं रहूंगा, तभी इनका रहस्योद्घाटन करूंगा।’
रावत ने तीन ‘ओ’ से निपटने में विफल रहने की यह बात राज्य में गंगा के लिए वाणिकी प्रयासों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए चल रही हितधारकों की दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक में अपने संबोधन के दौरान कही।
रावत ने कहा कि जब वह केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री थे तब उन्होंने कई प्रस्ताव बनाए थे, लेकिन तीन ‘ओ’ की वजह से वे मंजूर नहीं हो सके। हालांकि, उन्होंने कहा कि एक ‘ओ’ को तो वह भेधने में सफल रहे, लेकिन बाकी दो ‘ओ’ से वह पार नहीं पा सके।
हालांकि, बाद में रावत ने इन तीन ‘ओ’ का खुलासा करने से इंकार कर दिया और कहा कि जब वह चलने लायक नहीं रहेंगे, तभी इनसे पर्दा उठायेंगे। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल इसका रहस्य बने रहने देना चाहिए। जब मैं चलने लायक नहीं रहूंगा, तभी इनका रहस्योद्घाटन करूंगा।’
रावत ने तीन ‘ओ’ से निपटने में विफल रहने की यह बात राज्य में गंगा के लिए वाणिकी प्रयासों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए चल रही हितधारकों की दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक में अपने संबोधन के दौरान कही।
रावत ने कहा कि जब वह केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री थे तब उन्होंने कई प्रस्ताव बनाए थे, लेकिन तीन ‘ओ’ की वजह से वे मंजूर नहीं हो सके। हालांकि, उन्होंने कहा कि एक ‘ओ’ को तो वह भेधने में सफल रहे, लेकिन बाकी दो ‘ओ’ से वह पार नहीं पा सके।
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