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This Article is From Aug 07, 2018

NDTV EXCLUSIVE: हापुड़ मॉब लिंचिंग का आरोपी बोला, मरते कासिम को मैंने पानी नहीं दिया, क्‍योंकि उसने मरती गाय को पानी नहीं दिया

NDTV EXCLUSIVE : उत्तर प्रदेश के हापुड़ में इसी साल 18 जून को भीड़ ने एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला था. इस घटना का वीडियो वायरल हो गया था जिसमें 45 साल के एक मीट कारोबारी क़ासिम क़ुरैशी को बुरी तरह पीटा गया, जिससे बाद में उसकी मौत हो गई.

NDTV EXCLUSIVE: हापुड़ मॉब लिंचिंग का आरोपी बोला, मरते कासिम को मैंने पानी नहीं दिया, क्‍योंकि उसने मरती गाय को पानी नहीं दिया
हापुड़ मॉब लिंचिंग का आरोपी राकेश
नई दिल्‍ली: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में इसी साल 18 जून को भीड़ ने एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला था. इस घटना का वीडियो वायरल हो गया था जिसमें 45 साल के एक मीट कारोबारी क़ासिम क़ुरैशी को बुरी तरह पीटा गया, जिससे बाद में उसकी मौत हो गई.  इस मामले में पुलिस की जांच में NDTV को कई खामियां नज़र आईं. सबसे बड़ी ये कि पुलिस FIR में इसे रोड रेज का मामला बताया गया जबकि वीडियो सबूत कुछ और कह रहे हैं. आरोपी और पीड़ित दोनों ही पक्षों का कहना है कि ये हमला गाय मारने को लेकर हुआ. मुख्य आरोपियों में से एक को तो इस मामले में अपनी भूमिका पर कोई पछतावा नहीं है.

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उत्तर प्रदेश में हापुड़ जिले के बाजेधा खुर्द गांव में हम मिले राकेश सिसोदिया से. कासिम को पीट-पीटकर मार डालने और समीउद्दीन को घायल करने के मामले में दर्ज FIR के मुताबिक राकेश और 8 अन्य लोग दोनों को लाठी-डंडों से पीटने के मामले में आरोपी हैं. लेकिन कोर्ट में ज़मानत की मांग करते वक़्त राकेश ने कहा कि हमले में उसका कोई रोल नहीं है और वो मौके पर मौजूद ही नहीं था. कोर्ट ने आरोपी की भूमिका पर कोई विचार ज़ाहिर किए बिना ही ज़मानत दे दी. उसने कहा कि जेल में 5 हफ्तों के दौरान उसने जेल अफसरों कर्मचारियों को भी बड़ी शान से बताया कि उसने क्या किया. राकेश के मुताबिक उसने जेलर से मारने की जो बात कही उसे दिखाने में हमें भी मुश्किल हो रही है. उसकी बातों में कोई अफ़सोस नहीं है. बल्कि एक ख़ास समुदाय के प्रति अपनी नफ़रत को लेकर गर्व महसूस कर रहा था. ठाठ से बता रहा था कि जेलर के सामने सब कुछ बताया.
 
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राकेश ने बताया कि ज़मानत पर जेल से छूटने के बाद उसका हीरो की तरह स्वागत हुआ और इससे उसके समर्थकों की फौज भी बढ़ गई. एकमात्र ग़लती जो उसे लगी वो ये कि इस पूरी घटना का उसके लड़कों ने मोबाइल पर वीडियो बना लिया. उसने बताया कि इस बार पुलिस उनके साथ है जबकि पिछली सरकारों में ऐसा नहीं होता था. कासिम का जो वीडियो सामने आया था उसमें वो काफ़ी ज़ख़्मी हालत में दिख रहा है. उसे पानी मांगते हुए सुना जा सकता है. और इस बात पर राकेश का हैरान करने वाला जवाब सुनिये. राकेश कहता है, 'वो मुझसे कह रहा था (उसकी आवाज नहीं निकल रही थी) पानी... मैंने कहा तुझे पानी पीने का हक नहीं है. तूने मरती हुई गाय को पानी नहीं दिया है और ये मैरी फौज तुझे छोड़ेगी नहीं, तुझे एक एक मिनट मारेगी.

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एक अप्रैल को एक और वीडियो वायरल हुआ. राजस्थान के अलवर में पहलू ख़ान की भीड़ के हाथों पिटाई का. पहलू ख़ान की बाद में अस्पताल में मौत हो गई. भीड़ के मुताबिक पहलू ख़ान और उसके साथ अन्य लोग गायों को मारने के लिए ले जा रहे थे. लेकिन पहलू ख़ान के परिवार ने कहा कि वो डेयरी के लिए मवेशियों को लेकर जा रहे थे और इसके लिए उनके पास पूरे काग़ज़ात भी थे. पुलिस ने मामले में नौ लोगों को आरोपी बनाया. लेकिन चार महीने बाद ये सभी ज़मानत पर बाहर आ गए. प्रॉसिक्यूशन के मुताबिक पुलिस ने आरोपियों की शिनाख़्त परेड भी नहीं कराई जो इस केस की सबसे बड़ी कमज़ोरी है.

राजस्थान के अलवर ज़िले के बहरोड़ में, हम मिले विपिन यादव से. पुलिस ने जो शुरुआती गिरफ़्तारियां कीं उनमें विपिन नहीं था. उसका नाम शुरुआती एफ़आईआर में भी नहीं था. उसे बाद में उठाया गया जब पुलिस ने दावा किया कि वीडियो में उसे पहलू ख़ान पर हमला करते देखा जा सकता है. अपनी ज़मानत याचिका में यादव ने दलील दी कि वो उस जगह नहीं था जहां पहलू ख़ान को पीटा गया. कोर्ट ने कहा कि अंतिम फ़ैसले पर कोई विचार व्यक्त ना करते हुए कोर्ट याचिकाकर्ता को ज़मानत देती है. हमने विपिन से बात की ये कहते हुए कि आरएसएस और दूसरे हिंदुत्व संगठनों पर अध्ययन के लिए हम अमेरिका से आए हैं.

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विपिन ने बताया कि पहलू ख़ान को पीटने वालों में वो भी था. बल्कि उसने एक घंटे से भी ज़्यादा समय तक उसे मारा. बल्कि विपिन ये मानता है कि वही था जिसने पहलू के ट्रक को रोका था और उसकी चाबियां अपनी जेब में रख ली थीं. लेकिन पुलिस को ये ब्योरा क्यों नहीं मिला. मौके पर देर से पहुंची पुलिस ने आनन फ़ानन में गिरफ़्तारियां कीं.

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