शुक्रवार को गुरुग्राम में टिड्डियों के दल के पहुंचने के साथ चारों तरफ अफरा तफरी का माहौल हो गया. लोग अपने घरों की खिड़कियां और दरवाजे बंद करने लगे, आसमान में चारों तरफ टिड्डियों को देखने के बाद किसान हाथों में टिन के डिब्बे और बर्तन लिए खेतों की तरफ दौड़े. कई रिहाइशी इलाकों से हूटर्स बजने की आवाज भी सुनाई दी. जिनसे ये टिड्डियों का दल भाग रहा था.
दिल्ली से सटे गुड़गांव में टिड्डियों के दलों के की कई तस्वीरें सामने आई हैं. लाखों करोड़ों की संख्या में ये टिड्डी लोगों के घरों और दफ्तरों में भी घुस गए. बड़ी संख्या में होने के चलते पूरा साइबर हब का आसमान टिड्डियों से ढका हुआ दिखाई दिया.
गुरुग्राम प्रशासन ने शुक्रवार शाम इलाके के लोगों से अपने घरों की खिड़कियां और दरवाजे बंद करने के लिए कहा था. साथ ही किसानों को बर्तन और टिन के डिब्बे पास रखने की भी हिदायत दी गई थी ताकि इनके शोर से टिड्डियों को भगाया जा सके.
गुरुग्राम में रहने लोगों ने बताया कि गुरुग्राम में टिड्डियों का हमला सुबह करीब 11 बजे शुरू हुआ. टिड्डियों को देखते ही हमने अपने घरों की खिड़कियां और दरवाजे बंद कर दिए. वहीं किसानों ने टिड्डियों के खिलाफ अपने पंप तैयार रखे थे ताकि इनके आते ही वो इनका इस्तेमाल कर सकें.
प्रशासन ने कृषि विभाग के कर्मचारियों को लोगों को जागरुक करने के लिए कहा है कि यदि टिड्डियों का हमला होता है तो उनसे किस तरह से बचाव करना है.
बता दें कि एक तरफ देश कोरोनावायरस जैसे अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी ओर देश के कई राज्यों में आसमान से संकट टिड्डी दलों की शक्ल में छाया हुआ है. इन टिड्डियों ने महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में शहरों में नुकसान पहुंचाया है. केंद्र सरकार ने इनके लिए 11 कंट्रोल रुम बनाए हैं ताकि आपदा के समय सही तरीके मदद पहुंचायी जा सके.
खास बात ये है कि ये दोनों ही संकट भारत के बाहर से आए हैं. आसमान में काले बादलों जैसे टिड्डियों के कई दल एक राज्य से दूसरे राज्य में घूम रहे हैं और फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. इस बार टिड्डियों का जो हमला हुआ है वह पिछले 27 साल में हुआ सबसे बड़ा हमला है.
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