डीजी वंजारा की फाइल तस्वीर
अहमदाबाद:
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेता अमित शाह पर निशाना साधने वाले आईपीएस अफसर डीजी वंजारा का इस्तीफा गुजरात सरकार ने नामंजूर कर दिया है।
'मुठभेड़ में मौतों' के मामले में फंसे वंजारा के इस्तीफे को लेकर सरकार ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए कहा है कि जब तक वंजारा पर केस चल रहा है, तब तक वह इस्तीफा नहीं दे सकते हैं। सरकारी नौकरी के कायदों के मुताबिक किसी अफसर का इस्तीफा तब तक मंजूर नहीं किया जा सकता, जब तक उस पर कोई बकाया हो या उसके खिलाफ कोई जांच चल रही हो।
डीजी वंजारा ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा देते हुए 10 पेज की चिट्ठी लिखी थी, जिसमें नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए। वंजारा ने लिखा कि उन्होंने जो कुछ किया, सरकार के कहने पर ही किया। राज्य सरकार से बेहद नाराज वंजारा ने यह भी लिखा कि जिस आरोप में वह और उनके बाकी पुलिस अफसर साथी जेल में बंद हैं, उसकी जिम्मेदारी गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह की भी बनती है।
वंजारा ने मोदी पर अमित शाह के प्रभाव का भी जिक्र किया और कहा कि वह (वंजारा) मोदी को भगवान की तरह पूजते थे, लेकिन उन्हें दुख है कि मोदी अमित शाह के प्रभाव से ऊपर नहीं उठ पाए, जिसने उनकी आंख और कान पर कब्जा कर लिया है। वंजारा की शिकायत ये है कि जब अमित शाह गिरफ्तार हुए, तब गुजरात सरकार ने देश के बड़े वकीलों की मदद ली, लेकिन 32 पुलिस अफसरों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। वंजारा ने कहा कि दिल्ली की दौड़ में लगे मोदी उन अफसरों को भूल गए, जिनकी वजह से उनकी छवि बनी। चिट्ठी में यहां तक लिखा है कि मोदी सरकार की जगह जेल में होनी चाहिए।
वंजारा के खुलासे के बाद से बीजेपी और दूसरी पार्टियों के बीच बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस के नेता सत्यब्रत चतुर्वेदी ने मोदी से इस्तीफा मांगा है। वहीं जेडीयू ने मोदी पर हत्या का केस चलाने की मांग की है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस मोदी के चुनावी मैदान में आने से घबरा गई है और इसलिए उन पर इस तरह के आरोप लगा रही है।
'मुठभेड़ में मौतों' के मामले में फंसे वंजारा के इस्तीफे को लेकर सरकार ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए कहा है कि जब तक वंजारा पर केस चल रहा है, तब तक वह इस्तीफा नहीं दे सकते हैं। सरकारी नौकरी के कायदों के मुताबिक किसी अफसर का इस्तीफा तब तक मंजूर नहीं किया जा सकता, जब तक उस पर कोई बकाया हो या उसके खिलाफ कोई जांच चल रही हो।
डीजी वंजारा ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा देते हुए 10 पेज की चिट्ठी लिखी थी, जिसमें नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए। वंजारा ने लिखा कि उन्होंने जो कुछ किया, सरकार के कहने पर ही किया। राज्य सरकार से बेहद नाराज वंजारा ने यह भी लिखा कि जिस आरोप में वह और उनके बाकी पुलिस अफसर साथी जेल में बंद हैं, उसकी जिम्मेदारी गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह की भी बनती है।
वंजारा ने मोदी पर अमित शाह के प्रभाव का भी जिक्र किया और कहा कि वह (वंजारा) मोदी को भगवान की तरह पूजते थे, लेकिन उन्हें दुख है कि मोदी अमित शाह के प्रभाव से ऊपर नहीं उठ पाए, जिसने उनकी आंख और कान पर कब्जा कर लिया है। वंजारा की शिकायत ये है कि जब अमित शाह गिरफ्तार हुए, तब गुजरात सरकार ने देश के बड़े वकीलों की मदद ली, लेकिन 32 पुलिस अफसरों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। वंजारा ने कहा कि दिल्ली की दौड़ में लगे मोदी उन अफसरों को भूल गए, जिनकी वजह से उनकी छवि बनी। चिट्ठी में यहां तक लिखा है कि मोदी सरकार की जगह जेल में होनी चाहिए।
वंजारा के खुलासे के बाद से बीजेपी और दूसरी पार्टियों के बीच बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस के नेता सत्यब्रत चतुर्वेदी ने मोदी से इस्तीफा मांगा है। वहीं जेडीयू ने मोदी पर हत्या का केस चलाने की मांग की है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस मोदी के चुनावी मैदान में आने से घबरा गई है और इसलिए उन पर इस तरह के आरोप लगा रही है।
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