विज्ञापन
This Article is From Jun 28, 2013

आईबी की क्लीनचिट के बाद भी सादिक का एनकाउंटर किया गुजरात पुलिस ने...

आईबी की क्लीनचिट के बाद भी सादिक का एनकाउंटर किया गुजरात पुलिस ने...
नई दिल्ली: गुजरात में 13 जनवरी 2003 को हुए एक अन्य एनकाउंटर को सीबीआई कथित रूप से अपनी जांच में फर्जी बता रही है। सूत्र बता रहे हैं कि सीबीआई जांच में यह बात सामने आ रही है कि इस मामले में पुलिस ने न केवल फर्जी एनकाउंटर किया बल्कि आईबी ने भी पुलिस की इस साजिश में उसका साथ दिया।

सीबीआई ने अपनी जांच में छह आईबी के अधिकारियों से पूछताछ की है। और अब सीबीआई कह रही है कि पूछताछ में कुछ अलग ही कहानी निकलकर सामने आ रही है।

सीबीआई के सूत्रों के अनुसार सादिक के बारे में आईबी को तीन जगहों से रिपोर्ट मिली थी। पहली रिपोर्ट मुंबई के गुरुराज सावदत्ती स्टेशन से अक्टूबर 2002 में आई, इसके बाद दूसरी रिपोर्ट आईबी मुख्यालय से उसी वर्ष 24 नवंबर को मिली और फिर अंतिम रिपोर्ट अहमदाबाद के आई विभाग से मिली जहां पर राजिंद्र कुमार तैनात थे। यह वही, राजिंद्र कुमाह हैं जिनपर इशरत जहां फर्जी एनकाउंटर मामले में उंगली उठ रही हैं।

सीबीआई की वर्तमान जांच रिपोर्ट कहती है कि सादिक के बारे में आईबी की रिपोर्ट के चरित्र से मेल नहीं खाती। सादिक के गृहनगर भावनगर में 1996 में एक झगड़े का मामला दर्ज है और दूसरा नवंबर 2002 में जुएं के मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में उसे जमानत मिल गई थी।

आईबी की तमाम रिपोर्टों के बाद मुंबई पुलिस ने 19 दिसंबर 2002 को हिरासत में लिया और आईबी ने एक हफ्ते तक उससे पूछताछ की। मुंबई विभाग के आईबी प्रमुख अबंड़ी गोपीनाथन सीबीआई को बताया है कि सादिक से पूछताछ में उन्हें कुछ भी खास नहीं मिला। 'पूछताछ में मुंबई के आईबी विभाग ने पाया कि सादिक के बारे में जो भी प्रारंभिक सूचना (वीवीआईपी पर हमले के संबंध में) थी सत्यापित नहीं हो रही थी'।

सूत्रों के अनुसार गोपीनाथन ने सीबीआई को बताया कि सादिक को क्लीनचिट की दिल्ली में आईबी मुख्यालय को भेज दी गई थी। बावजूद इसके 3 जनवरी 2013 को सादिक को अहमदाबाद के काइम ब्रांच को सौंप दिया गया था।

इसके बाद की कहानी और भी भ्रामक है। जबकि मुंबई आईबी से सादिक को क्लीनचिट दे दी गई थी और 6 जनवरी को गुजरात को सौंप दिया गया। वहीं, राजिंद्र कुमार ने एक रिपोर्ट में कहा कि सादिक को अभी पकड़ा नहीं गया है और उसे तलाशने के प्रयास जारी हैं। इसके बाद आईबी के पश्चिमी विभाग के विशेष निदेशक ने कहा कि उसे खोजने के प्रयास जारी रखे जाएं।

वहीं, 13 जनवरी 2003 को सादिक के एनकाउंटर की खबर आई।

पुलिस ने उस वक्त दावा किया था कि सादिक एक आतंकी है और वह मोदी के अलावा विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण भाई तोगड़िया की हत्या करना चाहता था। सादिक के भाई साबिर ने इस मामले में आईबी के तत्कालीन संयुक्त निदेशक राजिंद्र कुमार, राज्य के पूर्व गृहराज्य मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री मोदी की भूमिका की जांच की मांग की है जिसके बाद कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
सादिक जमाल, आईबी, सीबीआई जांच, फर्जी एनकाउंटर, Sadiq Jamal, Fake Encounter, Gujarat Police, IB, CBI Inquiry
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com