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This Article is From Apr 29, 2016

गुजरात में अगड़ी जातियों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी कोटा, पाटीदार समाज ने फैसले को बताया बेतुका

गुजरात में अगड़ी जातियों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी कोटा, पाटीदार समाज ने फैसले को बताया बेतुका
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और सीएम आनंदीबेन पटेल (फाइल फोटो)
अहमदाबाद: गुजरात सरकार में मंत्री और राज्य बीजेपी के अध्यक्ष विजय रुपाणी ने कहा है कि राज्य में अब अगड़ी जातियों के लोगों को भी आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक आधार पर पिछड़े लोगों को आरक्षण का लाभ देगी। वैसे, पाटीदार समुदाय ने सरकार को इस फैसले को बेतुका करार दिया है। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक निखिल सवानी ने कहा, 'यह कदम एक लॉलीपॉप है। यह अदालत ने नहीं टिकेगा। यह केवल हमारे आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश है।'

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया
रुपाणी ने बताया कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया। राज्य सरकार ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले में सरकार कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार है। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में राज्य के मंत्री विजय रुपाणी ने यह घोषणा की है।

रुपाणी ने कहा कि 1 मई से राज्य में इस 10 प्रतिशत आरक्षणके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। इस व्यवस्था से सभी सवर्ण जातियों को आरक्षण का लाभ मिलेगा।

सरकार ने यह भी साफ किया है कि इस दायरे में सालाना 6 लाख से कम आय वाले परिवार के बच्चों को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।  सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि इस नई व्यवस्था के लिए ओबीसी और एससी-एसटी के आरक्षण में कोई कटौती नहीं की गई है। यह व्सवस्था अलग से की गई है।

पाटीदार आंदोलन के चलते यह फैसला लिया गया
बताया जा रहा है कि राज्य में चल रहे पाटीदार आंदोलन के चलते यह फैसला लिया गया है। बता दें कि राज्य के पाटीदार समाज के युवा नेता हार्दिक पटेल ने राज्य में पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग की है। अब इस आरक्षण से इस समाज के लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा।

गौरतलब है कि राज्य में फिलहाल 49.5 प्रतिशत आरक्षण लागू है और अब यह बढ़कर 59.5 प्रतिशत हो जाएगा।  लोग सवाल उठा रहे हैं कि अब राज्य में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उलट 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण हो जाएगा। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट इस खारिज भी कर देता है तो सरकार के पास यह कहने के लिए तर्क होगा कि उन्होंने प्रयास किया था।
 

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