Gujarat CM Vijay Rupani Resigns : गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Vijay Rupani Quit CM Post) ने शनिवार को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. खबरों के मुताबिक, रूपाणी दोपहर में करीब 3 बजे राजभवन राज्यपाल से मिलने पहुंचे और उसके बाद उनके इस्तीफे की खबरें बाहर आईं. रूपाणी ने अचानक ही त्यागपत्र देने के बाद मीडिया के सामने अपनी बात रखी. गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) होने हैं और इसके पहले ही उन्होंने पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है. रुपाणी के इस्तीफे ने गुजरात में सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. उनके उत्तराधिकारी को लेकर भी अटकलें बढ़ने लगी हैं.
त्यागपत्र देने के बाद रूपाणी मीडिया से भी रूबरू हुए, उन्होंने कहा, मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में गुजरात की विकास यात्रा आगे भी इसी तरह जारी रहनी चाहिए. रूपाणी का कल ही एक बयान आया था, जिसमें कथित तौर पर हिन्दू लड़कियों को फंसाने और गोहत्या करने वालों को चेतावनी दी गई थी. लेकिन आज अचानक उनके इस्तीफे से सियासी दिग्गज भी हैरान रह गए.
गौरतलब है कि BJP को अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड औऱ गुजरात जैसे कई राज्यों में विधानसभा चुनावों का सामना करना है. गुजरात में बीजेपी दो दशकों से भी ज्यादा वक्त से सत्ता में है. इस बीच रूपाणी का इस्तीफा हुआ है. इससे पहले उत्तराखंड में बीजेपी ने मुख्यमंत्री बदला था. पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) को हटाकर तीरथ सिंह रावत (Tirath singh Rawat) को मुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन बहुत कम समय में ही उन्हें हटाकर पुष्कर धामी को कमान सौंपी गई. कर्नाटक (Karnataka) में भी बीजेपी ने वयोवृद्ध नेता बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) की जगह बोम्मई को कमान सौंपी है.
बीजेपी में उम्र को देखते हुए सत्ता में बदलाव को लेकर कई बार पहल देखी गई है. हालांकि येदियुरप्पा की उम्र 78 साल थी और विजय रूपाणी 65 साल के ही हैं. गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह नगर है औऱ ऐसे में वहां सत्ता में अपनी पकड़ बनाए रखना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का विषय है. हालांकि रूपानी के इस्तीफे की सही वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है. रूपाणी हालिया वक्त में बीजेपी के चौथे मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें इस्तीफा देना पड़ा है.
बीएस येदियुरप्पा ने जुलाई में अपने पद से इस्तीफा दिया था. जबकि उत्तराखंड (Uttarakhand) ने चार महीनों के भीतर दोहरा परिवर्तन झेला था. कोरोना काल की मुश्किलों के बीच अगले साल यूपी के साथ कई राज्यों में दोबारा सत्ता में वापसी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है.
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