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This Article is From Sep 20, 2020

GST कम्पनसेशन : 'कर्ज' योजना के लिए हामी भरने वाले 21 राज्यों में से केवल 1 कांग्रेस शासित राज्य

वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने स्वीकार किया कि जीएसटी परिषद में सम्पूर्ण राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की उपस्थिति है. जीएसटी अधिनियम के अनुसार, किसी भी मुद्दे पर मतदान के लिए केवल 20 राज्यों को ही कोई प्रस्ताव पारित करना होगा.

GST कम्पनसेशन : 'कर्ज' योजना के लिए हामी भरने वाले 21 राज्यों में से केवल 1 कांग्रेस शासित राज्य
नई दिल्ली:

GST Compensation Row :  जीएसटी मुआवजे के मुद्दे पर केंद्र सरकार की कर्ज योजना का विकल्प चुनने वाले 21 राज्यों में से एक कांग्रेस शासित प्रदेश भी है. आपको बता दें कि कोरोनावायरस महामारी के बीच जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर केंद्र द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे की कमी के पूरा करने के लिए देश के 21 राज्यों ने जीएसटी काउंसिल द्वारा प्रस्तावित 'उधार' के विकल्प को चुना है.

इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश भी शामिल है. इस सूची में कांग्रेस शासित केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी का नाम भी है. 

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आपको बता दें कि मणिपुर, एकमात्र राज्य जिसने पहले ओपियन-2 का विकल्प चुना था और लेकिन बाद में इसे विकल्प -1 में बदलना पसंद किया. ऐसा बताया जा रहा है कि अगले एक दो दिनों में कुछ और राज्य भी अपना 'उधार' विकल्प देने पर सहमत होंगे.

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हालांकि, उनमें से कुछ जैसे - झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, एनसीटी ऑफ दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल को अभी जीएसटी काउंसिल के प्रस्ताव पर जवाब देना बाकी है ताकि उनके विकल्प तय किए जा सके.

वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने स्वीकार किया कि जीएसटी परिषद में सम्पूर्ण राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की उपस्थिति है. जीएसटी अधिनियम के अनुसार, किसी भी मुद्दे पर मतदान के लिए केवल 20 राज्यों को ही कोई प्रस्ताव पारित करना होगा.

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इसके अलावा, वर्तमान स्थिति से यह स्पष्ट है कि यदि अन्य राज्य 5 अक्टूबर 2020 को जीएसटी परिषद की बैठक से पहले अपने विकल्प प्रस्तुत नहीं करते हैं, इसके बाद उन्हें जून 2022 तक इंतजार करना होगा कि उनका जीएसटी काउंसिल इस शर्त के अधीन हो कि 2022 तक सेस कलेक्शन की अवधि बढ़ जाए.

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