श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
संगठित क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं को मातृत्व सुरक्षा की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रस्तावित विधेयक राज्यसभा में पारित होने के बाद अब भारत सरकार ने असंगठित क्षेत्र से जुड़ी करोड़ों कामकाजी महिलाओं को भी यह सुविधा देने पर गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है.
अगर शीतकालीन सत्र में लोकसभा से भी मंजूरी मिल जाती है तो संगठित क्षेत्र की 18 लाख महिलाओं को राज्यसभा में पास हुए मातृत्व सुरक्षा बिल से फायदा होगा. लेकिन सरकार की मंशा संगठित क्षेत्र के अलावा असंगठित क्षेत्र की करीब दस करोड़ महिलाओं को भी यह लाभ देने की है. एनडीटीवी से बातचीत में श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने यह बात कही. दत्तात्रेय ने कहा, "प्रस्तावित कानून से फायदा संगठित क्षेत्र में काम करने वाली करीब 18 लाख महिला वर्करों को मिलेगा. अब हम असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को मातृत्व सुरक्षा की सुविधा देने पर विचार कर रहे हैं."
श्रम मंत्रालय के मुताबिक असंगठित क्षेत्र में 42 करोड़ से 43 करोड़ वर्कर काम करते हैं. इनमें 20% से 25% महिलाएं हैं. यानि करीब 8 से 10 करोड़ महिला कर्मियों को मातृत्व सुरक्षा की सुविधा देने पर श्रम मंत्रालय ने विचार शुरू कर दिया है.
जाहिर है...असुरक्षित माहौल में काम करने वाली ऐसी ज्यादातर महिलाएं न सिर्फ समाज के कमजोर तबके से होती हैं बल्कि उनके सामने कई तरह की चुनौतियां भी होती हैं. हालांकि श्रम मंत्रालय को भी इस बात का अंदाजा है कि असंगठित क्षेत्र में इसके प्रावधानों को लागू करना बेहद मुश्किल होगा. अब सरकार राज्य सरकारों के साथ इस प्रस्ताव पर मशविरा करने वाली है. इसके लिए 6 अलग-अलग प्रादेशिक सम्मेलन बुलाने की तैयारी है।
अगर शीतकालीन सत्र में लोकसभा से भी मंजूरी मिल जाती है तो संगठित क्षेत्र की 18 लाख महिलाओं को राज्यसभा में पास हुए मातृत्व सुरक्षा बिल से फायदा होगा. लेकिन सरकार की मंशा संगठित क्षेत्र के अलावा असंगठित क्षेत्र की करीब दस करोड़ महिलाओं को भी यह लाभ देने की है. एनडीटीवी से बातचीत में श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने यह बात कही. दत्तात्रेय ने कहा, "प्रस्तावित कानून से फायदा संगठित क्षेत्र में काम करने वाली करीब 18 लाख महिला वर्करों को मिलेगा. अब हम असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को मातृत्व सुरक्षा की सुविधा देने पर विचार कर रहे हैं."
श्रम मंत्रालय के मुताबिक असंगठित क्षेत्र में 42 करोड़ से 43 करोड़ वर्कर काम करते हैं. इनमें 20% से 25% महिलाएं हैं. यानि करीब 8 से 10 करोड़ महिला कर्मियों को मातृत्व सुरक्षा की सुविधा देने पर श्रम मंत्रालय ने विचार शुरू कर दिया है.
जाहिर है...असुरक्षित माहौल में काम करने वाली ऐसी ज्यादातर महिलाएं न सिर्फ समाज के कमजोर तबके से होती हैं बल्कि उनके सामने कई तरह की चुनौतियां भी होती हैं. हालांकि श्रम मंत्रालय को भी इस बात का अंदाजा है कि असंगठित क्षेत्र में इसके प्रावधानों को लागू करना बेहद मुश्किल होगा. अब सरकार राज्य सरकारों के साथ इस प्रस्ताव पर मशविरा करने वाली है. इसके लिए 6 अलग-अलग प्रादेशिक सम्मेलन बुलाने की तैयारी है।
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