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This Article is From May 03, 2017

सरकार ने माना आधार का डाटा लीक हुआ, मंत्रालय के स्तर पर हुई गड़बड़ी...

सरकार ने माना आधार का डाटा लीक हुआ, मंत्रालय के स्तर पर हुई गड़बड़ी...
सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने माना कि डाटा लीक उसके यहां से हुआ है. (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: "आधार न बनवाना अपराध जैसा है", बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ये दलील ख़ुद अदालत ख़ारिज करती दिखी. कोर्ट ने कहा, सरकार ऐसा नहीं कह सकती, क्योंकि लोग आधार क़ानून को चुनौती दे रहे हैं.

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने माना कि डाटा लीक उसके यहां से हुआ है. सरकार ने कहा कि आधार डाटा UIDAI से नहीं, दूसरे सरकारी विभागों से लीक हुआ है और इसे एक साथ पारदर्शी और सुरक्षित रखने में दिक्कत आ रही है.

बुधवार को ही ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने साफ शब्दों में कहा कि सरकार तेज़ी से बड़ी सरकारी योजनाओं को आधार से जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रही है. ऐसे वक्त पर जब आधार का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. 

तोमर ने कहा, "हम लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि उन्हें न सिर्फ आधार बनवाना चाहिए, बल्कि योजनाओं और बैंक अकाउंट से भी लिंक कराना चाहिए." तोमर ने दावा किया कि देश में 11 करोड़ मनरेगा जॉब कार्ड होल्डर हैं और इनमें से 8 करोड़ का आधार कार्ड बन चुका है, जबकि इनमें से करीब 4.5 करोड़ मनरेगा जॉब कार्ड होल्डरों का बैंक अकाउंट आधार से जोड़ा जा चुका है.

दूसरी तरफ, आधार डाटा लीक के बढ़ते मामलों को कांग्रेस ने सरकार की विफलता करार दिया है. कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने एनडीटीवी से कहा कि आधार डाटा का लीक होना सरकार की नाकामी सिद्ध करता है. 

सुप्रीम कोर्ट आधार को अनिवार्य बनाने पर लगातार सुनवाई कर रहा है और उसे ही ये तय करना है कि वो आधार को कितना ज़रूरी माने.

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