सरकार का अचल संपत्ति की बिक्री पर टीडीएस के प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करते हुए आयकर अधिनियम में बदलाव का प्रस्ताव दिया है जिसके तहत 50 लाख रुपये से अधिक मूल्य की गैर-कृषि अचल संपत्ति को बेचने पर बिक्री मूल्य या स्टाम्प शुल्क में से जो भी अधिक हो, उसपर एक प्रतिशत टीडीएस लागू होगा.

सरकार का अचल संपत्ति की बिक्री पर टीडीएस के प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव

सरकार ने आयकर अधिनियम की धारा 194-1ए में संशोधन का प्रस्ताव दिया है

नई दिल्ली:

सरकार ने अचल संपत्ति की बिक्री पर टीडीएस (TDS) के प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट पेश करते हुए आयकर अधिनियम में बदलाव का प्रस्ताव दिया है जिसके तहत 50 लाख रुपये से अधिक मूल्य की गैर-कृषि अचल संपत्ति को बेचने पर बिक्री मूल्य या स्टाम्प शुल्क में से जो भी अधिक हो, उसपर एक प्रतिशत टीडीएस लागू होगा. अभी यह कटौती सिर्फ अचल संपत्ति के मूल्य के आधार पर की जाती है और इसमें स्टाम्प शुल्क पर गौर नहीं किया जाता. सीतारमण ने मंगलवार को कानून में इस विसंगति को दूर करने के लिए संशोधन का प्रस्ताव पेश करते हुए इसमें स्टाम्प शुल्क को जोड़ा है.

संसद में पेश वित्त विधेयक-2022 एवं उससे संबंधित दस्तावेजों के अनुसार, सरकार ने आयकर अधिनियम की धारा 194-1ए में संशोधन का प्रस्ताव दिया है ताकि कानून की धारा 43सी ए और 50 सी के संबंध में विसंगतियों को दूर किया जा सके . दस्तावेज के अनुसार, यह संशोधन मंजूर होने पर एक अप्रैल, 2022 से प्रभावी होगा.

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संशोधन के कारण को स्पष्ट करते हुए वित्त विधेयक में कहा गया है कि अधिनियम की धारा 194-1ए कृषि भूमि के अलावा कुछ अचल संपत्तियों के हस्तांतरण के लिए भुगतान पर कर कटौती का प्रावधान करती है. इसमें उपधारा (1) किसी निवासी को अचल संपत्ति (कृषि भूमि के अलावा) के हस्तांतरण के लिए किसी भी राशि का भुगतान करने वाले व्यक्ति को भुगतान के समय कर कटौती का प्रावधान करती है जो एक प्रतिशत की दर से होता है. वहीं, उपधारा (2) में प्रावधान है कि किसी अचल संपत्ति का मूल्य 50 लाख रुपये से कम है तो कर की कोई कटौती नहीं की जानी चाहिए. दस्तावेज़ में कहा गया है कि प्रावधानों के अनुसार, हस्तांतरी द्वारा हस्तांतरणकर्ता को भुगतान की गई राशि पर टीडीएस काटा जाता है.

दस्तावेज़ के अनुसार, यह धारा अचल संपत्ति से संबंधित स्टाम्प शुल्क मूल्य को ध्यान में नहीं रखती है, जबकि अधिनियम की धारा 43सी ए और 50सी के प्रावधानों के अनुसार, 'व्यापार या पेशे से लाभ और पूंजीगत लाभ' मद के तहत आय की गणना के लिए स्टाम्प शुल्क मूल्य पर भी विचार किया जाता है.' इसमें कहा गया है कि अधिनियम की धारा 194-1ए और धारा 43सी ए और 50 सी के प्रावधानों में विसंगति है.

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दस्तावेज के अनुसार, इस विसंगति को दूर करने के लिए, अधिनियम की धारा 194-1 ए में संशोधन करने का प्रस्ताव है जिसके तहत अचल संपत्ति (कृषि भूमि के अलावा) के हस्तांतरण के मामले में, टीडीएस की कटौती एक प्रतिशत की दर से की जानी है. यह बिक्री मूल्य या स्टाम्प शुल्क मूल्य में से जो भी अधिक हो,  उस पर लागू होगा. इसमें कहा गया है कि अगर अचल संपत्ति के हस्तांतरण के लिए किया गया भुगतान और ऐसी संपत्ति का स्टाम्प शुल्क मूल्य दोनों 50 लाख रुपये से कम है, तो इस धारा के तहत कोई कर कटौती नहीं की जायेगी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)