वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को चीन से लगी सीमा पर गांवों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की योजना की घोषणा की. यह कदम पूर्वी लद्दाख में सीमा पर जारी गतिरोध और चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब कई क्षेत्रों में गांव बसाने को लेकर सुरक्षा प्रतिष्ठानों में व्याप्त चिंताओं की पृष्ठभूमि में उठाया गया है. सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा, ''सीमावर्ती गांव विरल आबादी, सीमित संपर्क और बुनियादी ढांचे के अभाव में अकसर विकास के लाभ से वंचित रह जाते हैं. उत्तरी सीमा पर ऐसे गांवों को नए वाइब्रेंट गांव कार्यक्रम के तहत कवर किया जाएगा.''
उन्होंने कहा, ''इन गतिविधियों में गांव के बुनियादी ढांचे का निर्माण, आवास, पर्यटन केंद्र, सड़क संपर्क, विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा का प्रावधान, दूरदर्शन और शैक्षिक चैनलों की सीधे घर-घर तक पहुंच और आजीविका सृजन के लिए समर्थन देना शामिल होगा.''
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वित्त मंत्री ने कहा कि इन गतिविधियों के लिए अतिरिक्त धन मुहैया कराया जाएगा. उन्होंने कहा, ''मौजूदा योजनाओं को एक साथ लाया जाएगा. हम उनके परिणामों को परिभाषित करेंगे और निरंतर उनकी निगरानी करेंगे.''
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सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में सीमावर्ती बुनियादी ढांचे मजबूत बनाने लिए कई उपाय किये हैं. पिछले साल अक्टूबर में, सेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने पत्रकारों से कहा था सीमा पर चीनी क्षेत्र में कुछ नए गांव नजर आए है और भारत ने अपनी परिचालन रणनीति में इस पर ध्यान दिया है.
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