यह ख़बर 09 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

सरकार के पास कोई नई सोच, नया दृष्टिकोण नहीं : कांग्रेस

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

राष्ट्रपति के अभिभाषण में रेखांकित किए गए नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यक्रमों की रूपरेखा को कांग्रेस ने सोमवार को महज शब्दों की बाजीगरी बताया और कहा कि इसमें कोई नई सोच और नया दृष्टिकोण नहीं है।

कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि अभिभाषण में कोई नई सोच या नया दृष्टिकोण नहीं है और पूरा रुख सतही है। इसमें वे सब नारे भरे हैं जिन्हें मोदी ने चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया था और जिसे भारत के लोग पिछले छह महीने से सुन रहे हैं।

उन्होंने 'न्यूनतम सरकार और अधिकतम सुशासन' के सरकार के मंत्र पर कटाक्ष करते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या इसका मतलब सरकार में मंत्रियों की भूमिका को कम करना और प्रधानमंत्री की भूमिका को अधिकतम बनाना है।

शर्मा ने विदेशी मामलों की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें मध्य एशिया और अफ्रीकी देशों के प्रति भारत की नीति के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री को आगाह किया कि भाजपा और उसके द्वारा शासित राज्यों ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का विरोध किया था जबकि आज राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कहा कि सरकार राज्यों की चिंताओं का निराकरण करते हुए जीएसटी लागू करने का हर संभव प्रयास करेगी।

इससे पहले कांग्रेसी नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार का ध्यान प्रशासन, रोजगार सृजन तथा महंगाई पर काबू पाने वाले मुद्दों पर नहीं है।
60 महीनों में देश को गौरवशाली बनाए जाने के सरकार के दावे पर सवाल खड़ा करते हुए मोइली ने कहा कि सरकार 'केवल लोगों की आकांक्षाओं को उभार' रही है, लेकिन वह यह बताने में नाकाम है कि वह इन आकांक्षाओं को पूरा कैसे करेगी।

पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा, 'राष्ट्रपति का अभिभाषण सपनों और उम्मीदों का छलावा है, जो हम पिछले तीन महीनों से बाजार में देख चुके हैं।'

उन्होंने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, 'अगले कुछ महीने में तय होगा कि यह सरकार इन सपनों और उम्मीदों को हकीकत में कैसे बदलेगी।'

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कांग्रेस ब्रीफिंग के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने अभिभाषण में व्यक्त किये गये महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने के सरकार के इरादे का समर्थन किया।