नई दिल्ली:
राजनीतिक उठापटक के बीच सरकार ने राजीव गांधी द्वारा स्थापित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के बोर्ड को भंग कर दिया है। वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय को नए प्रमुख के तौर पर नियुक्त कर दिया गया है। इस कला केंद्र को सरकार द्वारा फंड किया जाता रहा है और इसे 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद में स्थापित किया गया था। सरकार द्वारा इस केंद्र के बोर्ड को भंग कर देने के बाद कांग्रेस खेमे में खलबली मच सकती है। पद्मश्री और वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय को इस केंद्र का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है।
वरिष्ठ पत्रकार और पद्म श्री राम बहादुर राय को चिनमय खान की जगह नियुक्त किया गया है। राय उस 20 सदस्यीय टीम की अगुवाई करेंगे जिसमें सोनल मानसिंह, चंद्रप्रकाश द्विवेदी, नितिन देसाई, के अरविंद राव, रति विनय झा, प्रोफेसर निर्मला शर्मा, हर्ष न्योतिया, पद्म सुब्रमण्यम, सरयू दोषी और प्रसून जोशी शामिल हैं।
'बदलाव जरूरी है'
केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने साफ किया है की इस फैसले को किसी भी दूसरे तरीके से जोड़कर न देखा जाए। शर्मा ने कहा 'नए लोगों को भी यहां काम करने के लिए मौका दिया जाना चाहिए। नए सदस्य अपने अपने क्षेत्र में माहिर हैं। नए प्रमुख समाज सेवी हैं, एक वरिष्ठ पत्रकार हैं और गांधीवादी हैं।' संंस्कृति मंत्री ने जोर दिया कि 'लोग बदलाव की उम्मीद करते हैं और हमें इसे पारदर्शिता और नवीनता के जरिए लेकर आ रहे हैं।
बताया जा रहा है की सरकार ने यह फैसला बीती रात लिया है। सेवामुक्त हुए चेयरमैन चिनमय खान का कहना है की उन्हें इसका अंदाजा था, हर सरकार ऐसा करती है।
वरिष्ठ पत्रकार और पद्म श्री राम बहादुर राय को चिनमय खान की जगह नियुक्त किया गया है। राय उस 20 सदस्यीय टीम की अगुवाई करेंगे जिसमें सोनल मानसिंह, चंद्रप्रकाश द्विवेदी, नितिन देसाई, के अरविंद राव, रति विनय झा, प्रोफेसर निर्मला शर्मा, हर्ष न्योतिया, पद्म सुब्रमण्यम, सरयू दोषी और प्रसून जोशी शामिल हैं।
'बदलाव जरूरी है'
केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने साफ किया है की इस फैसले को किसी भी दूसरे तरीके से जोड़कर न देखा जाए। शर्मा ने कहा 'नए लोगों को भी यहां काम करने के लिए मौका दिया जाना चाहिए। नए सदस्य अपने अपने क्षेत्र में माहिर हैं। नए प्रमुख समाज सेवी हैं, एक वरिष्ठ पत्रकार हैं और गांधीवादी हैं।' संंस्कृति मंत्री ने जोर दिया कि 'लोग बदलाव की उम्मीद करते हैं और हमें इसे पारदर्शिता और नवीनता के जरिए लेकर आ रहे हैं।
बताया जा रहा है की सरकार ने यह फैसला बीती रात लिया है। सेवामुक्त हुए चेयरमैन चिनमय खान का कहना है की उन्हें इसका अंदाजा था, हर सरकार ऐसा करती है।
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